संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा
Updated Thu, 29 Aug 2024 01:57 AM IST

कासगंज। उफनती गंगा की रौद्र धारा ने सोमवार की रात से नगला खंदारी व नेथरा के बांध पर तेजी से कटान कर दिया। अब गंगा के जलस्तर में कमी आने के कारण कटान का सिलसिला और तेज हो गया है। गंगा की तीव्र धारा ने नगला खंदारी, नेथरा बांध के अलावा बांध के नजदीक बने दो और कच्चे बांधों को काट दिया है, जिससे चारों ओर पानी फैल गया है। इस बीच रास्ता नहीं होने के चलते सिंचाई विभाग द्वारा किए जा रहे बचाव राहत के कार्य बुधवार को ठप रहे। कटान के कारण पानी का फैलाव आसपास के काफी इलाकों में हो गया है। खादर के खेतों में लगी फसलें जलमग्न हो गई हैं। फसलों को लेकर किसान चिंतित हैं। लगातार स्थिति बिगड़ रही है और गंगा के पानी की दस्तक नगला खंदारी, नेथरा, नगला तरसी, नगला ढुलाई, कादरगंज गढ़ी आदि के इलाके में हो गई है। गनीमत रही कि गंगा का उफान बुधवार को शांत रहा। जिसके कारण जलस्तर में कमी आई है। जलस्तर कम होने के बावजूद पांच गांव की आबादी से कुछ दूरी तक पानी की दस्तक हो चुकी है। ग्रामीण ऐसे हालात से चिंतित हैं। मंगलवार को कटान रोकने के लिए सिंचाई विभाग के द्वारा काफी प्रबंध किए गए। सिंचाई विभाग के अफसर और प्रशासनिक अफसर मौके पर पहुंचे। युद्धस्तर पर मरम्मत का कार्य शुरू किया गया। हालांकि ये प्रयास बेनतीजा हो गए। गंगा में पानी के वेग से न तो नगला खंदारी नेथरा का बांध बच पाया और इस बांध की सपोर्ट में बना गाइड बंध। साथ ही मनरेगा बांध का बड़ा हिस्सा भी क्षतिग्रस्त हो गया। कोई बांध 200 मीटर कटा है तो कोई बांध 400 मीटर। मनरेगा बांध पर मनरेगा के श्रमिकों के द्वारा मिट्टी डालकर पानी को रोकने का कार्य किया जा रहा था, लेकिन कटान की अधिक तीव्रता होने के कारण प्रयास सफल होते नजर नहीं आए। गंगा में यदि फिर से उफान की स्थिति बनी तो कटे हुए बांधों के इलाके में बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है। यह सवाल ग्रामीणों को चिंतित कर रहा है। पटियाली तहसील क्षेत्र के कटान प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है।