लखनऊ। बड़े लोग छोटों की अंगुली पकड़ेंगे, तभी देश प्रगति करेगा। महिलाएं घरों से निकलकर पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रयास करें। विविध स्थलों पर जाकर प्रदर्शनी लगाना व अपने उत्पाद बेचना सराहनीय प्रयास है। ग्राम्यश्री और क्राफ्टरूट्स की ओर से कैसरबाग की सफेद बारादरी में पांच दिवसीय क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी का शुभांरभ करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने ये बातें कहीं।
प्रदर्शनी में रोजमर्रा की जरूरतों के साथ सजावटी सामान, हाथ से बनाए गए कपड़े आदि लुभा रहे हैं। तरस शिल्क, जामदानी बुनाई, पिछवाई पेंटिंग, मिट्टी का चूल्हा आकर्षण का केंद्र है। विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, कारीगर बारीकी से उत्पाद बनाते हैं, जिसमें काफी समय लगता है। हमें इन्हें अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।
ग्राम्यश्री की संस्थापक अनारबेन पटेल ने कहा कि क्राफ्टरूट्स 25 वर्षों से देश भर में कारीगरों की मदद कर रहा है और 77 प्रदर्शनी आयोजित कर चुका है। यहां स्टोन वर्क, काष्ठ कला, धातु की प्रतिमा, शॉल, साड़ी, शृंगार की सामग्री आदि के स्टॉल लगे हैं। कैबिनेट मंत्री, औद्योगिक विकास, निर्यात संवर्धन, एनआरआई और निवेश प्रोत्साहन नंद गोपाल नंदी भी उपस्थित रहे।