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There is a need to wait for dialysis, 15 patients are waiting

जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में डायलिसिस कराते मरीज। 
– फोटो : संवाद

उरई। जिला अस्पताल में संचालित डायलिसिस यूनिट में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण इस समय 15 मरीज वेटिंग में चल रहे हैं। वेटिंग वाले मरीजों को बेड खाली होने पर बुलाने की बात कही जा रही है।

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बता दें कि जिला अस्पताल में पीपीपी मॉडल पर 12 नवंबर 2019 को डायलिसिस यूनिट शुरू हुई थी। इस यूनिट में दस बेड थे। इसमें मरीजों की डायलिसिस शुरू हुई थी। बेड के अभाव में रोजाना एक दो मरीज वापस किए जा रहे हैं। जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में एक रुपये के पर्चे पर यह सुविधा मिल जाती है, वहीं निजी अस्पताल में डायलिसिस कराने के लिए रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

सरकारी अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा तभी मिल जाती है, जब कोई डायलिसिस कराने वाले मरीज की मौत हो जाती है या फिर वह कहीं दूसरी जगह डायलिसिस कराने चला जाता है। जनवरी से अब तक तीन मरीजों की मौत हुई है। उनकी जगह पर नए मरीजों की डायलिसिस शुरू हुई है। फिलहाल 15 मरीज डायलिसिस कराने के लिए वेटिंग में है।

डायलिसिस यूनिट के सेंटर इंचार्ज संजय सिंह बताते है कि आमतौर पर एक मरीज को महीने में आठ से 12 बार डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। इसके लिए रोस्टर बनाकर उन्हें बुलाया जाता है। कुछ मरीजों की तीन बार की बजाय दो बार डायलिसिस कराने पर वेटिंग में कमी आ जाती है। जिले में दो निजी अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा है। इसमें एक जगह डायलिसिस फिलहाल बंद चल रही है। दूसरी जगह तीन बेड की डायलिसिस यूनिट है। जनवरी माह में 754 बार मरीजों की डायलिसिस हुई है।

निजी अस्पताल में डायलिसिस कराना महंगा

उरई। निजी अस्पतालों में डायलिसिस कराना काफी महंगा है। कोंच के धीरज कुमार गुप्ता, शहर के शिवपुरी मोहल्ला निवासी दिनेश ने बताया कि पहले वह झांसी में डायलिसिस कराते थे। तब उनका पांच हजार रुपये तक खर्चा हो जाता था। यहां भी उन्होंने नंबर लगा दिया था। जब उन्हें बुलाया गया, तबसे वह यहां निशुल्क डायलिसिस करा रहे हैं। बाहर जाने में ज्यादा खर्चा हो जाता है। शहर की डायलिसिस यूनिट में एक बार डायलिसिस कराने में ढाई हजार से 2700 रुपये खर्च आ जाता है। जबकि सप्ताह में दो से तीन बार डायलिसिस करानी होती है। (संवाद)

कोंच व जालौन सीएचसी में डायलिसिस मशीन लगाने का प्रस्ताव

उरई। सीएचसी जालौन और कोंच में डायलिसिस मशीन लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। कुठौंद बुजुर्ग निवासी समाजसेवी गजेंद्र सिंह सेंगर ने जिले के प्रभारी मंत्री संजय गंगवार को इस संबंध में पत्र दिया था। उनके पत्र के हवाले से सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि मरीजों की संख्या को देखते हुए कोंच और जालौन सीएचसी में डायलिसिस मशीन लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। (संवाद)

मेडिकल कॉलेज में केवल एक मशीन

उरई। राजकीय मेडिकल कॉलेज में भी डायलिसिस मरीजों की लिए सुविधा नाकाफी है। यहां केवल एक मशीन है। इसमें दो मरीजों की ही डायलिसिस हो पाती है। मेडिकल कॉलेज के सीएमएस डॉ. प्रशांत निरंजन ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए दो और मशीनों का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। शासन से जल्द मशीनें आने का आश्वासन मिला है। (संवाद)



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