This is how Congress lost Lucknow Loksabha seat even after increase in vote share.

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भाजपा का गढ़ कही जाने वाली लखनऊ लोकसभा सीट पर 2009 के आम चुनाव में पार्टी का वोट शेयर 21.19 प्रतिशत कम हो गया था। हालांकि, सीट भाजपा के पास ही रही। इस चुनाव में विपक्ष का वोट शेयर 27.93 फीसदी बढ़ा, लेकिन मत कम मिलने से कांग्रेस प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। बीते तीन दशक में पहली बार पार्टी को मिलने वाला वोट शेयर कम होने से भाजपा संगठन ने अपने कद्दावर नेता राजनाथ सिंह को 2014 में मैदान में उतारा तो पिछले सारे रिकार्ड टूट गए और वोट शेयर 19.34 प्रतिशत तक बढ़ गया।

दरअसल दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सीट से 2009 के चुनाव में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालजी टंडन को मैदान में उतारा गया। इसमें उन्हें 2,04,028 वोट मिले, जोकि वर्ष 2004 की तुलना में पार्टी का वोट शेयर 21.19 प्रतिशत कम था। हालांकि, विपक्ष के प्रत्याशी से अधिक मत मिलने के चलते भाजपा को जीत मिली। इस चुनाव में भाजपा को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की कमी बेहद खली। जिसका पूरा लाभ कांग्रेस को मिला। वहीं, 2004 के लोकसभा चुनाव की तुलना में कांग्रेस का मत 27.93 प्रतिशत बढ़ गया। हालांकि, इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी 1,63,127 वोट पाने के बावजूद हार गईं। भाजपा की परंपरागत सीट पर 21.19 प्रतिशत वोट शेयर गिरने से संगठन सोचने पर मजबूर हो गया।

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राजनाथ ने तोडे़ रिकॉर्ड

2014 में भाजपा ने राजनाथ सिंह को मैदान में उतारा तो मतदान के सारे रिकॉर्ड टूट गए। भाजपा का वोट शेयर 19.34 प्रतिशत तक बढ़ गया। राजनाथ सिंह ने इस चुनाव में 5. 61 लाख से ज्यादा वोट हासिल किए। कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को सिर्फ 2.88 लाख वोट मिले। इस चुनाव में राजनाथ सिंह ने लखनऊ से 2.77 लाख से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। इसी तरह 2019 के चुनाव में राजनाथ सिंह ने 3.47 लाख से ज्यादा वोटों से भाजपा का परचम लहराया।

इसलिए लखनऊ है महत्वपूर्ण

लखनऊ से भाजपा पिछले आठ चुनाव जीतती आ रही है। 1991 से पांच बार अटल बिहारी बाजपेयी यहां से सांसद रहे। इसके बाद 2009 में लालजी टंडन और 2014 व 2019 में लगातार दो बार राजनाथ सिंह सांसद रहे हैं। तीसरी बार फिर भाजपा ने राजनाथ सिंह पर ही भरोसा जताया है। बीते आठ चुनावों में अगर 2009 का लोकसभा चुनाव छोड़ दिया जाय तो भाजपा प्रत्याशी हर बार बड़े अंतर से जीतता रहा है। वोट शेयर भी समृद्ध बना रहा।



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