पड़ताल
मलेरिया विभाग और एडी हेल्थ दफ्तर के पास गंदगी और जलभराव, सालों से खड़ी एंबुलेंस में उग आए पौधे
संचारी रोग अभियान के तहत जिलेभर में किया जा चुका है लोगों को जागरूक
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अमर उजाला ब्यूरो
झांसी। मच्छरजनित बीमारियों से बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने वाला मलेरिया विभाग खुद ही जागरूक नहीं हुआ है। स्वच्छता के प्रति बेपरवाह बना हुआ है। विभाग के कार्यालय के पास गंदगी के अंबार हैं और जलभराव रहता है। परिसर में सालों से एंबुलेंस खड़ी है, जिनमें बारिश से पौधे उग आए हैं। कई एंबुलेंस में शीशे खुले होने से पानी भरा है।
इतना ही नहीं, रोजाना एडी हेल्थ यहां से गुजरती हैं। सीएमओ दफ्तर भी चंद कदम की दूरी पर हैं मगर किसी भी जिम्मेदार ने समुचित कदम नहीं उठाया है। ऐसे में हालात से आसपास के दुकानदार भी परेशान हैं क्योंकि मच्छर से बीमार होने का भय सता रहा है। बीकेडी कॉलेज से जीवनशाह मार्ग पर करीब 500 मीटर की दूरी पर जिला मलेरिया कार्यालय है। कार्यालय की तरफ जाने वाले मार्ग पर चारों तरफ लंबे समय से गंदगी के ढेर लगे हैं। यही वजह है कि मौका लगते ही सफाईकर्मी भी कूड़े के ढेर फेंककर चले जाते हैं। रास्ता खराब होने की वजह से जलभराव के हालात बने रहते हैं।
कार्यालय के पास बसपा सरकार में रोगियों के लिए खरीदी गई एंबुलेंस खड़ी हुई हैं। कई सालों से खड़ी एंबुलेंस न सिर्फ कंडम हो गई है बल्कि बारिश की वजह से पौधे भी उग आए हैं। कई एंबुलेंस के शीशे टूटे हुए हैं। इसके चलते, बारिश का पानी वाहन में भरा हुआ है। ऐसे हालात में आसपास के इलाकों में मच्छरों की भरमार है। ऐसे में लोगों को मच्छरजनित बीमारियों के प्रति जागरूक करने वाले जिला मलेरिया विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। हैरानी तो यह है कि गंदगी और बेकार एंबुलेंसों के बीच से रोजाना एडी हेल्थ डाॅ. सुमन समेत उनके कार्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों का आवागमन होता है मगर किसी ने भी हालात को सुधारने के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया है। खास बात यह है कि जिला मलेरिया दफ्तर से चंद कदम की दूरी पर सीएमओ कार्यालय भी है मगर किसी ने यहां के हालात पर भी ध्यान नहीं दिया है। यही वजह कि आसपास के इलाके में मच्छरों का खतरा बना हुआ है।
एडी हेल्थ डॉ. सुमन का कहना है कि मलेरिया कार्यालय के पास खड़ी एंबुलेंस तो नगर निगम को हटानी है, जिसके लिए पत्र लिखा गया है। सकर मशीन से जलभराव खत्म कराया जाता है। कीटनाशक का छिड़काव कराया जाता है। वहीं, सीएमओ डॉ. सुधाकर पांडेय ने कहा कि एंबुलेंस पुरानी हो गई हैं, जिनकी नीलामी होनी है। गंदगी की सफाई कराने के लिए निगम को पत्र लिखा जाएगा। मच्छरों का खतरा न हो, इसलिए कीटनाशक का समय-समय पर छिड़काव कराया जाता है।
वर्जन
दफ्तर के अंदर तो गंदगी नहीं है। आसपास गंदगी है, उसका निस्तारण निगम करेगा। एंबुलेंस खड़ी हुई हैं मगर कोई दिक्कत नहीं है। समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव कराया जाता है ताकि मच्छर न पनपे। – आरके गुप्ता, जिला मलेरिया अधिकारी
ये कहना है लोगों का
कोई भी देख सकता है कि मलेरिया विभाग के पास गंदगी से कितनी दुर्गंध आती है। जब स्वास्थ्य विभाग के दफ्तरों के पास ऐसे हालात हैं तो शहर में क्या हाल होगा। – अनुज
पिछले तीन दिन से काफी नारकीय स्थिति थी। शुक्रवार को मशीन से पानी निकाल लिया गया है मगर गंदगी बनी हुई हैं। इससे मच्छरों का खतरा है। – हर्ष प्रताप सिंह
जिला मलेरिया कार्यालय के पास न सिर्फ गंदगी है बल्कि कच्चे रास्तों पर जलभराव है। मुख्य मार्ग से मुड़ते ही दोनों तरफ गंदगी ही गंदगी नजर आती है। – प्रमोद