Three days visit of ECI officers in Uttar Pradesh.

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : PTI

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भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने और आचार संहिता लगने पर उसका सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। तीन दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अरुण गोयल व आयोग की पूरी टीम लखनऊ पहुंची। आयोग ने पहले दिन योजना भवन में मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा, डीजीपी प्रशांत कुमार, नोडल अधिकारी अमिताभ यश और अर्द्धसैनिक बलों के नोडल अधिकारी सतपाल रावत से चुनावी तैयारियों पर बात की।

सीईसी ने युवाओं और महिलाओं को मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने मतदान केंद्रों पर पानी, पंखा, बिजली, छाया सहित अन्य व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए। कहा, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए हर संभव कदम उठाएं। उन्होंने फिर कहा, तीन साल से अधिक समय से तैनात अधिकारी हटाएं। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने मतदाता सूची पुनरीक्षण, नए मतदान केंद्रों के गठन, मतदान कर्मियों की नियुक्ति, दिव्यांगों के मतदान की व्यवस्था सहित अन्य विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया। आयोग की टीम ने भाजपा, आम आदमी पार्टी, बसपा, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, कांग्रेस, अपना दल (सोनेलाल) और सपा के प्रतिनिधियों से भी बातचीत की। बैठक में वरिष्ठ उप चुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा, और नितेश व्यास, उप चुनाव आयुक्त अजय भादू, हृदेश कुमार, आरके गुप्ता, एमके साहू, महानिदेशक बी. नारायणन, निदेशक शुभ्रा सक्सेना सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।

अर्द्धसैनिक बलों की सौ कंपनी 5 मार्च को आएगी

डीजीपी प्रशांत कुमार ने यूपी में मतदान के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था बनाने के लिए करीब 200 से अधिक कंपनियां आवंटित करने की मांग की। उन्होंने संवेदनशील मतदान केंद्रों की सुरक्षा, चुनाव के दौरान शराब वितरण रोकने, अराजक तत्वों को पाबंद करने सहित अन्य तैयारियों की जानकारी दी। राजीव ने बताया कि चुनाव के मद्देनजर यूपी को अर्द्धसैनिक बलों की सौ कंपनियां पहले चरण में आवंटित की हैं। ये कंपनियां 5 मार्च तक यूपी पहुंच जाएंगी।

प्रदर्शनी का अवलोकन किया

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल ने योजना भवन में ‘निर्वाचन: बढ़ते कदम’ विषय पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन और अवलोकन किया। प्रदर्शनी में 1951 में हुए आजाद भारत के पहले आम चुनाव से लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा 2013 में वीवीपैट अपनाने तक की पूरी यात्रा को प्रदर्शित किया गया है।



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