बरेली के बहेड़ी के केंद्रपाल की तरह कागजों पर जाति बदलकर सरकारी नौकरी पाने के तीन और मामले सामने आए हैं। नत्थूलाल ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे अपनी जाति बदल ली। दोनों बेटों संग वह गड़रिया (अन्य पिछड़ा वर्ग) से ग्वाल (अनुसूचित जाति) बन गया।
आरक्षण का लाभ लेकर उसका एक बेटा शिक्षक तो दूसरा बैंक अफसर बन गया। सगे भाई ने ही इस फर्जीवाड़े की शिकायत कर दी। जांच में आरोप सही पाए गए। अब उनके जाति प्रमाणपत्र निरस्त किए जाएंगे। जिला स्क्रूटनी समिति ने उन्हें साक्ष्य के साथ 17 सितंबर को तलब किया है।
आंवला तहसील के सिरौली कस्बे के वार्ड-11 मोहल्ला घेर निवासी नत्थू लाल के सगे भाई रामगोपाल उर्फ कल्लू ने मामले की शिकायत की है। नायब तहसीलदार की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि साक्ष्यों से स्पष्ट है कि नत्थू लाल गड़रिया जाति का है।
तथ्यों को छिपाकर उसने सदर तहसील से ग्वाल का प्रमाणपत्र प्राप्त कर लिया था। यह जाति प्रमाणपत्र पांच अगस्त 2004 को जारी हुआ था। इसके बाद उसने अपने बेटे रोहित कुमार की भी जाति ग्वाल दिखाकर प्रमाणपत्र जारी करा लिया।