
पंडित जवाहर लाल नेहरू (फाइल फोटो)।
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देश आजाद होने के बाद पहला लोकसभा चुनाव बेहद खास रहा। यह ऐसा चुनाव था कि जब सारे देश की निगाहें प्रयागराज (तब इलाहाबाद) पर टिकी हुई थीं। क्योंकि, तब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पंडित जवाहर लाल नेहरू इलाहाबाद से चुनाव लड़ रहे थे। तब देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय मीडिया की भी निगाहें प्रयागराज पर थीं। चुनाव की एक और खास बात कि तब यहां से तीन सांसद चुने गए थे।
1951-52 में लोकसभा चुनाव में फूलपुर संसदीय सीट का कहीं भी अता-पता नहीं था। तब इलाहाबाद डिस्ट्रिक्ट (ईस्ट) कम जौनपुर डिस्ट्रिक्ट (वेस्ट) और इलाहाबाद वेस्ट नाम से दो संसदीय सीट थीं। पंडित जवाहर लाल नेहरू जिससे चुनाव लड़े थे वह तब इलाहाबाद डिस्ट्रिक्ट (ईस्ट) कम जौनपुर डिस्ट्रिक्ट (वेस्ट) के नाम से थी। उस चुनाव में नेहरू जिस सीट से चुनाव लड़े थे, उसमें दो सांसदों को चुना जाना था। इसी वजह से तब कांग्रेस ने पंडित नेहरू संग मसुदियादीन को भी प्रत्याशी घोषित किया। उस समय कांग्रेस का चुनाव चिह्न दो बैलों की जोड़ी थी।