Torture of wives and poor husbands that's why they are choosing death psychiatrist told shocking reason

युवक सांकेतिक फोटो
– फोटो : istock

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गृह क्लेश में अब पति भी जान दे रहे हैं। ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। मानसिक रोग विशेषज्ञ मानते हैं कि शादी व्यावसायिक हो गई है। इसमें रिश्तों से बड़ी मांगें हो गई है। लंबे समय तक प्रताड़ना और मांग पूरी नहीं कर पाने से युवक अवसाद में आकर आत्मघाती कदम उठा लेते हैं।

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मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय के निदेशक प्रो. दिनेश राठौर ने बताया कि ओपीडी में 280-300 मरीज रोज आ रहे हैं। इनमें 10-12 मरीज ऐसे होते हैं, जो पत्नी या अपने ससुराल पक्ष की मांगें, हस्तक्षेप या फिर धमकियों के चलते तनाव और अवसाद में आ गए। ये मल्टीनेशनल या फिर नामी कंपनियों में जॉब करते हैं। खास बात कि शादी को दो साल से कम समय वाले युवाओं की संख्या अधिक है।

 



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