Tortured for telling truth about children home in Agra

बालगृह की व्यवस्थाओं पर सवाल
– फोटो : अमर उजाला

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आगरा के राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह की सच्चाई बयां करना बाल अपचारियों के लिए मुसीबत बन रहा है। मुंह खोलने वालों को बाल अपचारियों से पिटवाने के आरोप अधिकारियों पर लग रहे हैं। शुक्रवार को किशोरों में मारपीट हुई। हालांकि, डीपीओ की जांच में सब ठीक मिला।

बाल संप्रेक्षण गृह में 156 किशोर निरुद्ध हैं। जिनमें से कई किशोरों पर दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट जैसे गंभीर अपराध दर्ज हैं। जहां किशोरों को सुधारने के लिए रखा जा रहा है वहां उन्हें मोबाइल से लेकर अन्य आपत्तिजनक वस्तुएं पहुंच रही थीं। पूर्व अधीक्षक पर अवैध वसूली के आरोप लगे। जिसके बाद अधीक्षक को हटा दिया गया।

पिछले दिनों चार किशोरों का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसे उन्होंने अपने स्मार्ट फोन से इंस्टाग्राम पर अपलोड किया था। जिसके बाद बालगृह की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हुए। जांच के लिए आई कमेटी को कई किशोरों ने बयान दर्ज कराए थे। जिनमें उन्होंने बालगृह के अंदर चल रही अवैध गतिविधियों का खुलासा किया।

अंदर की बात बाहर जाने से नाराज गुर्गों ने किशोरों की पिटाई लगाई। बालगृह की सच्चाई बयां करने पर कई दिनों से किशोरों को यातनाएं मिल रहीं थीं। जिसकी परिणति शुक्रवार को मारपीट और हंगामा के रूप में सामने आई। 



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