आगरा के खेरागढ़ के कुसियापुर स्थित उटंगन नदी में डूबे 7 और लोगों की तलाश के लिए राज्य और राष्ट्रीय मोचन दल के बाद सेना को भी बुलाया गया। सेना की 50 पैरा ब्रिगेड की 411 पैरा फील्ड यूनिट के 19 सदस्यीय दल ने दोपहर 3 बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। टीम के 7 जवान ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ पानी के अंदर तक गए। जिस स्थान पर अवैध खनन का गड्ढा बताया गया था, वहां दो घंटे तक टीम तलाश करती रहीं, लेकिन रात 9 बजे तक कोई नहीं मिला।

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बृहस्पतिवार से पुलिस के 50 जवान के साथ ही एसडीआरएफ और एनडीआरएफ लगी हुई थी। पीएसी की फ्लड कंपनी को भी बुलाया गया था। सभी मोटरबोट से तलाश में लगे हुए थे। मगर 12 में से 5 ही दोपहर 12 बजे तक मिल सके। बाकी का पता नहीं चल पा रहा था। ग्रामीणों के गुस्से को शांत करने के लिए पुलिस आयुक्त दीपक कुमार और जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने सैन्य अधिकारियों से बात की। इसके बाद 50 पैरा ब्रिगेड की 411 पैरा फील्ड यूनिट की टीम पहुंच गई। टीम ने अपने सभी उपकरणों के साथ नदी में सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जिस जगह पर विसर्जन किया था, वहां से 100 मीटर की दूरी तक डूबे हुए युवकों के होने की आशंका पर दो मोटरबोट से तलाश की गई। सात जवान ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ आए थे। वह पानी के अंदर तक गए।

 




Tragedy in Agra: 12 Drown While Trying to Save One in Utangan River

13 लोगों के डूबने पर विलाप करते परिजन
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


घटनास्थल पर 15 से अधिक गांव के लोग पहुंचे

घटनास्थल पर पुलिस फोर्स जहां सर्च ऑपरेशन चला रही है, वहीं अलग-अलग 15 से अधिक गांव के लोग भी पहुंचे हुए थे। लोग यह पता करने के लिए आ रहे थे कितने लोग डूबे हैं और कितनों का मिलना बाकी है। पुलिस लोगों को घटनास्थल के पास जाने से रोक रही थी। अपर पुलिस आयुक्त राम बदन सिंह ने लोगों से अपील की कि वह घटनास्थल से दूर रहें। पुलिस को अपना काम करने दें। लोगों की भीड़ की वजह से कार्य करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। मगर लोग हटने के लिए तैयार नहीं थे।

 


Tragedy in Agra: 12 Drown While Trying to Save One in Utangan River

सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


411 पैरा फील्ड यूनिट कर रही सर्च 

उत्तराखंड में बड़े ऑपरेशन का हिस्सा रही 411 पैरा फील्ड यूनिट खेरागढ़ के गांव कुसियापुर में बुलाई गई 50 पैरा ब्रिगेड की 411 पैरा फील्ड यूनिट को बड़े ऑपरेशन में महारत हासिल है। टीम के सदस्य उत्तराखंड सहित कई राज्यों में आपदा में बचाव अभियान चला चुके हैं। गांव में पहुंचने वाले 19 सदस्यीय दल में विशेष गोताखोर जवान शामिल थे। इन्हें गहरे पानी में जाने का अनुभव है। एक साथ टीम कार्य करती है। 30 से 35 फीट की गहराई पर ऑक्सीजन सिलिंडर के साथ जाकर काफी देर तक रह सकते हैं। हाल में राजस्थान के सरमथुरा में डूबे एयरफोर्स के जवान को बचाने के लिए टीम गई थी। 19 सदस्यीय दल में एक मेजर, दो जेसीओ शामिल थे। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि उटंगन नदी में पानी का बहाव कम है। मगर गड्ढे होने की वजह से टीम को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

 


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आगरा हादसा।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


राजस्थान जाने की कहकर उटंगन में कर दिया विसर्जन

पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कहा कि कस्बे के पुल के दूसरे तरफ उटंगन नदी पर विसर्जन की व्यवस्था की गई थी। ज्यादातर लोगों ने वहीं पर विसर्जन किया। जब गांव कुसियापुर के लोग पहुंचे तो वो नदी के अंदर विसर्जन की कहने लगे। इस पर पुलिस ने रोक दिया। बताया कि विसर्जन की व्यवस्था पर ही प्रवाहित करने के लिए कहा। इस पर लोगों ने राजस्थान जाने की बात कहकर श्मशान घाट की जगह के पास नदी में विसर्जन कर दिया।

 


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आगरा हादसा।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


मूर्ति नहीं हो पाई विसर्जित

यह मूर्ति अभी भी नदी के किनारे पर ही है। लेकिन मूर्ति विसर्जन के दाैरान 13 डूबे थे। इनमें से 1 को बचा लिया गया था। इसके बाद से लगातार सर्च ऑपरेशन चल रहा है। एसडीआरएफ इटावा में होने की वजह से देरी से आई। घटनास्थल पर बिजली की व्यवस्था करा दी गई है। रात में एनडीआरएफ कार्य नहीं करती है। इसलिए वो शुक्रवार सुबह पहुंची थी। लोगों की मांग थी कि सेना को बुलाया जाए। इस पर सेना की टीम को बुलाया गया है। वर्तमान में सभी टीम एक साथ कार्य कर रही हैं। अवैध खनन के मामले में खनन विभाग से जिलाधिकारी के माध्यम से रिपोर्ट ली जाएगी।

 




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