संवाद न्यूज एजेंसी
झांसी। विकास कार्यों से हर दिन ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है। ऐसे में यात्रियों की मुश्किलें भी बढ़ रही हैं। अधिकांश ट्रेनों में अब पेंट्रीकार की सुविधा भी नहीं है। ऐसे में यात्रियों के लिए दोगुना समय लेकर चल रहीं ट्रेनों में सफर करना भी परेशानी पैदा कर रहा है।
उत्कल एक्सप्रेस, कर्नाटक एक्सप्रेस, गोरखपुर-दादर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें दस-दस घंटे की देरी से चल रही हैं। यदि रेलवे का नेशनल ट्रेन इंक्वारी सिस्टम देखें तो दस प्रतिशत ट्रेनें ही ऐसी दिखाई देंगी, जो अपने पूर्व निर्धारित समय से चल रही हैं। वहीं, अन्य ट्रेनें 40 मिनट से लेकर 11 घंटे तक की देरी से चल रही हैं।
वहीं, ट्रेनों की इस लेट लतीफी को देखकर यात्रियों ने रेलवे के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। यात्री रेलवे हेल्प लाइन नंबर 139 और एक्स पर ट्रेनों के देरी से चलने को लेकर 24 घंटे में औसतन 32 शिकायतें दर्ज करा रहे हैं। वहीं, रेलवे भी इन यात्रियों को मैसेज का रिप्लाई देने के अलावा दूसरा कोई कदम नहीं उठा पा रही है।
पीआरओ मनोज कुमार सिंह का कहना है कि पूरे भारतीय रेल नेटवर्क में कई विकास कार्य कराए जा रहे हैं, इसी कारण ट्रेनें देरी से संचालित हो रही हैं।
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इतनी देरी से आईं ये ट्रेनें
उत्कल एक्सप्रेस 11 घंटे।
गोरखपुर-दादर एक्सप्रेस 11 घंटे।
सचखंड एक्सप्रेस 9 घंटे।
डॉ. अंबेडकर नगर स्पेशल 8 घंटे।
कर्नाटक एक्सप्रेस 7 घंटे।
हमसफर एक्सप्रेस 5 घंटे।
नई दिल्ली-पांडिचेरी एक्सप्रेस 5 घंटे।
गोवा एक्सप्रेस 4 घंटे।
गोंडवाना एक्सप्रेस 4 घंटे।
महाकौशल एक्सप्रेस 4 घंटे।
निजामुद्दीन-जबलपुर एक्सप्रेस 4 घंटे।
हुबली एक्सप्रेस 4 घंटे।
मालवा एक्सप्रेस 4 घंटे।