श्रावस्ती। तहसील क्षेत्र जमुनहा में प्रतिबंधित पेड़ों की अवैध कटान का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बात चाहे ग्रामीण क्षेत्र की हो या फिर जंगल की। लकड़ी माफिया वनकर्मियों की मिलीभगत से हरियाली मिटाने पर आमादा हैं। इसके बावजूद कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है।
हरदत्तनगर गिरंट वन क्षेत्र के ग्राम देवरनिया के मजरा बेलवा निवासी निहालू के बाग में आम के पेड़ लगे हुए थे। अपनी दैनिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए निहालू ने एक ठेकेदार को पेड़ बेच दिए थे। ठेकेदार ने बिना परमिट बनवाए आम के तीन हरे पेड़ों को काट लिया।
खैर, साल, शीशम व सागौन सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ों को काटना पूर्णतया प्रतिबंधित है। इसके बावजूद धड़ल्ले से इन्हें काटा जा रहा है। शुक्रवार को भिनगा कोतवाली क्षेत्र के बनघुसरा मोड़ स्थित मिठाई की एक दुकान के सामने काफी मात्रा में साखू की लकड़ी रखी दिखी।
टीम भेजकर कराई जाएगी जांच
बेलवा में बिना परमिट आम का पेड़ कटने की जानकारी नहीं है। टीम को भेज कर इसकी जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी। -राम मिलन, क्षेत्रीय वनाधिकारी, हरदत्तनगर गिरंट