Tufted duck and coot bird have knocked in Chambal Sanctuary of Agra

चंबल सेंक्चुअरी: टफ्टेड डक और कूट बर्ड की दस्तक
– फोटो : अमर उजाला

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ताजनगरी आगरा में शीत लहर के बीच चंबल सेंक्चुअरी की बाह रेंज में यूरोप, एशिया, अफ्रीका से टफ्टेड डक और कूट बर्ड ने दस्तक दी है। इनकी जल क्रीड़ा यहां आने वाले पर्यटकों को रोमांचित कर रही है।

टफ्टेड डक का स्थानीय नाम गुच्छेदार बतख है। लोग इन्हें चुटिया वाली चिड़िया के नाम से भी पुकारते हैं। वैज्ञानिक नाम अयथ्या फूलीगुला है। बाह के रेंजर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि गहरे पानी में गोता लगाने में माहिर टफ्टेड डक की चंबल के पानी संग अठखेलियों पर पर्यटक रीझ रहे हैं। नदी में डुबकी के बाद पानी की बूंदों संग उड़ने वाली बतख देखने वालों को रोमांचित कर देती है।

कूट बर्ड का स्थानीय नाम तिलक धारी चिरैया है। वैज्ञानिक नाम फुलिका अत्रा है। ये चिड़िया जमीन और पानी पर तेज चाल चलने में माहिर हैं। पानी में शिकार पकड़ने के लिए चोंच डुबोकर तेज चलती है तो पर्यटकों को रोमांचित कर देती हैं। खास बात ये है कि दोनों का भोजन जलीय पौधे और कीड़े होते हैं।

टफ्टेड डक

नर टफ्टेड डक के पंख सफेद, सुनहरी पीली आंखें, नीली-भूरे रंग की चोंच होती है। सिर के पीछे एक पतली शिखा होती है। मादा भूरे रंग की होती हैं। नर, मादा से थोड़ी बड़ी होती है। इनकी लंबाई 40 से 50 सेमी, पंख फैलाव 65 से 70 सेमी और वजन 600 से 900 ग्राम होता है।

कूट बर्ड

कूट बर्ड के ललाट पर सफेद ढाल होती है। चोंच सफेद या हल्की गुलाबी रंग की होती है। आंखें गहरी लाल होती हैं। पैर छोटे और मजबूत हरे-भूरे रंग के होते हैं। बदन काले रंग का होता है। इनकी लंबाई 35 से 40 सेमी, पंख फैलाव 70 से 80 सेमी, वजन 600 से 1200 ग्राम होता है।



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