Turkiya murder case: Gambhir spent seven years in exile awaiting punishment now will have to leave home again

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तुरकिया हत्याकांड
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

राजस्थान की सीमा से सटे गांव तुरकिया के रहने वाले फाैजी शिव सिंह के तीन बेटों में सत्यभान (35), गंभीर सिंह, कन्हैया, बेटियां रेखा और गायत्री थीं। सत्यभान की शादी अरदाया की पुष्पा के साथ हुई थी। ग्रामीणों के मुताबिक, शिव सिंह ने दो शादी की थीं। पहली पत्नी सफेदी देवी से एक बेटा धर्मवीर था। पिता की माैत के बाद वर्ष 2005 में गांव छोड़कर चिकसाना में बस गया। उसने जमीन में से हिस्सा भी नहीं लिया।

दूसरी पत्नी आशा उर्फ मुन्नी देवी थीं। 6 मार्च, 2007 को सत्यभान और गंभीर ने अपनी मां आशा की किरावली तहसील के बाहर हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड में दोनों को जेल जाना पड़ा था। उनके खिलाफ चार्जशीट भी लगाई गई थी। सत्यभान को पहले जमानत मिल गई। छोटे भाई से कहा था कि वह उसकी एक बीघा जमीन बेचकर जमानत करा देगा।

 




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तुरकिया हत्याकांड
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक, सत्यभान के साैतेले भाई धर्मवीर ने बताया था कि जेल से बाहर आने पर गंभीर का सत्यभान से झगड़ा हुआ था। वह अपना हिस्सा मांग रहा था। सत्यभान ने हिस्सा देने से इंकार कर दिया। इस पर ही हत्याकांड को अंजाम दिया गया। 9 मई, 2012 की रात को सत्यभान और उनके परिवार की हत्या कर दी गई। मामले में साले महावीर सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था।

 


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तुरकिया हत्याकांड
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वादी का भाई करता रहा पैरवी

महावीर सिंह ने बताया कि हत्याकांड के बाद वह दहशत में आ गए थे। उन्हें लग रहा था कि आरोपी जेल से जमानत पर छूटकर आया तो सबसे पहले उन्हें अपना निशाना बनाएगा। इस कारण गांव छोड़कर चले गए। मध्य प्रदेश में ससुराल है। वहां पर दो बच्चों और पत्नी अनीता के साथ बस गए। महाराष्ट्र में मजदूरी करने जाते थे। इसी से परिवार चल रहा था। उनका भाई कमल सिंह गांव में रह रहा था। वह केस में पैरवी करने जाता था। वह जब भी बताता था, वह अपनी गवाही देने आ जाते थे।

 


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हाईकोर्ट ने बरकरार रखी थी सजा

महावीर सिंह के मुताबिक 20 मार्च, 2017 एडीजे-10 की अदालत ने गंभीर सिंह को फांसी की सजा सुनाई थी। इस केस में उसकी बहन गायत्री को बरी कर दिया गया। एक आरोपी घटना के समय नाबालिग था। उसे गंभीर सिंह अपने साथ लेकर आया था। वर्ष 2019 में इस सजा को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा। इस पर लगा कि अब गंभीर बच नहीं पाएगा। वह घर वापस आ गए। हलवाई की दुकान पर काम भी शुरू कर दिया। इससे परिवार को पाल रहे हैं।

 


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पुलिस ने दी थी महावीर को जानकारी

महावीर सिंह ने बताया कि 27 जनवरी की रात को पुलिस घर आई। बताया कि गंभीर सिंह को बरी कर दिया गया है। आप अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना। इससे पूरा परिवार डर गया। मां संता देवी घबरा गईं। उनके घर में दीवार तक नहीं है। इस पर उन्होंने घर की दीवार का निर्माण कराया। इसके बावजूद सुरक्षा की चिंता सता रही है। यही लग रहा है कि उन्होंने मुकदमा दर्ज कराया था, इसलिए गंभीर सिंह नाराज होगा। ऐसे में उन्होंने पुलिस से भी सुरक्षा की मांग की। पुलिस भी अब रोजाना उनके घर जा रही है।

 




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