
police
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
आगरा में पुलिस उत्पीड़न ने बरहन के गांव रूपधनु में 3 दिन में 2 भाइयों की जान ले ली। परिजन ने आरोप लगाया कि एक भाई की मौत के बाद ही अफसर सुन लेते तो दूसरे की जान नहीं जाती। परिवार उजड़ने से बच जाता। मगर, थाने से लेकर अफसरों तक कहीं गुहार नहीं सुनी गई। उल्टा उस पर ही बयान के लिए हाथरस के सीओ दबाव बना रहे थे। इससे हारकर प्रमोद ने आत्मघाती कदम उठा लिया। ग्रामीणों का गुस्सा फूटने के बाद एसओ थाना सादाबाद को लाइन हाजिर किया गया। उत्पीड़न करने वाले विवेचक के निलंबन की कार्रवाई की गई।
पहले छोटे भाई संजय, फिर बड़े भाई प्रमोद की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा है। परिवार के आंसू नहीं रुक रहे हैं। परिजन का कहना है कि संजय के आत्महत्या करने के बाद प्रमोद रविवार को थाना बरहन गए। थाना सादाबाद में तैनात दरोगा हरिओम के खिलाफ केस दर्ज कराने की तहरीर दी। मगर, एसओ बरहन राजीव कुमार ने बोल दिया कि हाथरस पुलिस की जांच रिपोर्ट आने पर ही आगे कार्रवाई करेंगे।
उधर, सीओ सादाबाद प्रमोद को बार-बार फोन कर बयान के लिए बुला रहे थे। सोमवार को भी कई बार फोन आए थे। इस पर वो विधायक के पास गए। उनसे पुलिस अधिकारियों की बात कराई। दोपहर में 12 बजे घर लौटे। संजय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेकर आए थे। दोपहर में 2 बजे सीओ का फिर फोन आया। वह फिर बुलाने लगे। प्रमोद का कहना था कि वह अब क्या बयान देंगे। भाई की जान तो चली गई। आकर क्या करेगा। इसके बाद उनके आत्महत्या करने की जानकारी परिजन को मिली।
पुलिस पर फेंके पत्थर, दौड़ाया
घटना की जानकारी पर अपराह्न 3:30 बजे आंवलखेड़ा चौकी प्रभारी पहुंचे। उन्होंने फंदे से शव उतारने की कोशिश की। इस पर ग्रामीण भड़क गए। पुलिसकर्मियों से धक्का-मुक्की, हाथापाई कर दी। बाद में पथराव भी हुआ। इस पर पुलिसकर्मियों ने भागकर खुद को बचाया।
आरोपियों पर सख्त कार्रवाई करें
मामले में एसपी हाथरस निपुण अग्रवाल ने थाना प्रभारी सादाबाद मुकेश कुमार को लाइन हाजिर किया गया है। दरोगा हरिओम अग्निहोत्री के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हुई है। पहले दरोगा को लाइन हाजिर किया गया था। हालांकि परिजन इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने मांग की है कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
तहरीर के मुताबिक दर्ज होगा केस
डीसीपी पश्चिम जोन सोनम कुमार ने बताया कि मामला हाथरस से जुड़ा हुआ है। मृतक के पास सुसाइड नोट मिला है। परिजन ने मुकदमा और मुआवजे की मांग की है। मामले में तहरीर ली जा रही है। इसके आधार पर ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।