अवैध धर्मांतरण गिरोह के चंगुल से निकालकर पुलिस सदर क्षेत्र की दोनों बहनों को सुरक्षित वापस ले आई। इससे उनके परिवार में खुशी है, लेकिन सभी लोग दहशत में हैं। दोनों बहन को बरामद करने में पुलिस को 3 महीने से अधिक का समय लग गया। उन्हें कोलकाता ले जाकर मुस्लिम बस्ती में रखा गया था। पुलिस जब वहां पहुंची तो विरोध का सामना करना पड़ा। दोनों बहनें बुर्का पहने हुए थीं। गिरोह में शामिल आरोपियों ने दोनों बहनों का नाम बदल दिया था और दोनों की मुस्लिम लड़कों से निकाह कराने की तैयारी चल रही थी।
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आरोपियों को कोर्ट में ले जाती पुलिस।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुलिस के अनुसार सदर बाजार स्थित पंजाबी परिवार की बड़ी बेटी एमफिल पास है। वर्ष 2020 में उसकी पहचान जम्मू कश्मीर के उधमपुर निवासी साइमा उर्फ खुशबू से हुई थी। दोनों में दोस्ती हो गई। साइमा आगरा के लाइफ साइंस से पढ़ाई कर रही थी। वर्ष 2021 में साइमा अपने साथ बड़ी बहन को जम्मू कश्मीर ले गई थी। अचानक लैंड स्लाइड हो गया था। उनकी गाड़ी फंस गईं। किसी तरह उन्हें निकाला गया।
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धर्मांतरण गिरोह।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
तब साइमा ने खुद को रिटायर इंस्पेक्टर की बेटी बताया था। जम्मू कश्मीर पुलिस की सूचना पर परिजन बेटी को वापस लेकर आए थे। बेटी के घर पहुंचने पर परिवार के लोगों को पता चला कि वह पूजा-पाठ करने से इन्कार कर रही है। वह इस्लाम को मानने लगी थी। वह कई लोगों से फोन पर बातचीत किया करती थी। डाक से उसके पास इस्लाम से संबंधित किताबें आया करती थीं। कई बार घर के पास स्थित मस्जिद से सुबह अजान सुनकर वह उठ जाती थी। नमाज पढ़ने लगी थी।
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कोर्ट परिसर में रही सुरक्षा पुख्ता।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इस पर परिवार के लोग घबरा गए थे। उन्होंने उससे बात की मगर वह मानने के लिए तैयार नहीं हुई। उसकी विशेषज्ञ से काउंसलिंग कराई गई। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि बड़ी बेटी छोटी का भी ब्रेन वॉश कर देगी। 24 मार्च को दोनों बहनें घर से निकल गईं। इसके बाद दिल्ली पहुंचीं और वहां से कोलकाता चली गई थीं। परिजन का उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था।
कोलकाता में दोनों बहनों को बैरकपुर निवासी रीत बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम मिला। उसने उनके रहने का इंतजाम मुस्लिम बस्ती में कराया। वहां पहुंचने पर छोटी बहन का भी धर्मांतरण करा दिया गया। दोनों ने अपने नाम भी बदल लिए थे। बड़ी का अमीना तो छोटी का जोया रख दिया गया। गिरोह में शामिल सदस्य पूरी तैयारी किए हुए थे। वह कहीं चली न जाएं इसलिए गिरोह के सदस्य उनका निकाह कराने के लिए मुस्लिम लड़का देख रहे थे। एक बार दोनों बहनें निकाह कर लेतीं तो उनका वापस लौट पाना बेहद ही मुश्किल हो जाता। दोनों सोशल मीडिया पर इस्लाम के पक्ष में मुहिम भी चला रही थीं।