
आगरा के खेरागढ़ में स्कूल जाते समय रपट पुल पर लगी काई से फिसले साइकिल सवार दो छात्र किवाड़ नदी में गिरकर बह गए। करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद छात्रों को निकाला जा सका, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
जगनेर थाना के बरिगवां बुजुर्ग निवासी राजू का बेटा गोविंदा (15) और तारा सिंह के बेटा जतिन (16) सोमवार सुबह जगनेर स्थित विद्यालय जाने के लिए अलग-अलग साइकिल से निकले थे। जगनेर-बरिगवां बुजुर्ग मार्ग पर किवाड़ नदी पर बने रपट पुल से गुजरते समय काई के कारण फिसलकर नदी में जा गिरे। चीखपुकार सुनकर आसपास के लोग दौड़े लेकिन तब तक दोनों तेज बहाव में बह गए।

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परिवार में मचा कोहराम।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
ग्रामीणों ने डूबते छात्रों को बचाने की कोशिश भी की। सूचना पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से करीब तीन घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाया। इसके बाद दोनों छात्रों को बाहर निकाला जा सका। पुलिसकर्मियों ने उन्हें सीएचसी पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। घटना से दोनों परिवारों में मातम छा गया। एसीपी इमरान अहमद ने बताया कि दोनों छात्रों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे गए हैं।

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नदी में बहे दो छात्र।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप
ग्राम प्रधान भूरा सिंह परमार ने बताया कि पिछले 20 दिन से रपट पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। काई जमने के कारण राहगीर फिसल रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि दो दिन पूर्व सिंचाई विभाग के जेई को फोन कर पुलिया का गेट खोलने को कहा था, जिससे पानी रपट से उतर जाए लेकिन उन्होंने गेट खोलने से मना कर दिया। इसके बाद फिसलकर दो छात्रों की जान चली गई। लोगों का कहना है कि उन्होंने 1076 पर भी शिकायत दर्ज कराई थी, फिर भी सुनवाई नहीं हुई। प्रधान और ग्रामीणों ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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दो छात्रों की माैत।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
गोविंदा ही था परिवार का सहारा
छात्र गोविंदा जगनेर स्थित विद्यालय में 9वीं कक्षा का छात्र था। बड़ी बहन मोना और एक छोटा भाई है। पिता के पास थोड़ी जमीन है। वह खेती और मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते थे। बीते साल नवंबर में हुए हादसे में माता-पिता दोनों ही घायल हो गए थे। तब से अभी तक कोई काम करने में असमर्थ हैं। गोविंदा पर ही परिवार की जिम्मेदारी थी।

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दो छात्रों की माैत।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
जतिन के पिता दिल्ली में करते हैं मजदूरी
जतिन 10वीं का छात्र था। उसके परिवार की भी आर्थिक स्थित कमजोर है। खेती की थोड़ी जमीन है। पिता दिल्ली में मजदूरी करते हैं। दो भाइयों में जतिन बड़ा था। पिता सोमवार को घटना के समय दिल्ली ही थे। बेटे की माैत की खबर सुनकर वह बेहाल हो गए।
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