Mistry made a scooter that runs on both petrol and battery

पेट्रोल और बैटरी, दोनों से चलने वाला स्कूटर तैयार करते मिस्त्री योगेश वर्मा
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


आपने पेट्रोल से चलते हुए दुपहिया वाहन देखे होंगे या बैटरी से चलते हुए। अगर वाहन में पेट्रोल खत्म हो जाए, तो बस पेट्रोल पंप नजर आता है। अगर वाहन की बैटरी खत्म हो जाए, तो चार्जिंग पोइंट ढूंढने को मजबूर हो जाना पड़ता है। अब यह दोनों समस्याएं आने वाले समय में खत्म होने वाली हैं। अलीगढ़ के एक मिस्त्री ने ऐसा स्कूटर तैयार किया है, जो हमेशा चलेगा। उस स्कूटर को पेट्रोल से भी चलाया जा सकता है और बैटरी से भी। अगर दोनों फुल हों, तो दुपहिया वाहन को धक्का मारने की नौबत नहीं आएगी। उस मिस्त्री को लोग हाईस्कूल फेल इंजीनियर कहते हैं।

मिस्त्री योगेश वर्मा

हाईस्कूल फेल, पर दिमाग इंजीनियर से कम नहीं

अलीगढ़ के कृष्णापुरी निवासी 58 वर्षीय योगेश वर्मा ने अमर उजाला डिजीटल को बताया कि बचपन से पढ़ाई में मन नहीं लगा, हाईस्कूल तक बड़ी मुश्किल से पहुंचा। हाईस्कूल फेल होने के बाद पढ़ाई को अलविदा कह दिया। दिमाग में हर समय पेचकश, प्लास, रिंच, पैच आदि चलते रहते। दुपहिया वाहनों की रिपेयरिंग सीख ली। 40 साल से बतौर मिस्त्री काम कर रहे योगेश वर्मा ने गांधी पार्क स्थित वाहनों के मार्केट में दुकान लेली और वाहनों की सर्विस कर पेचकश, प्लास आदि के साथ खेलने लगे। मन में हमेशा रहा कि दुपहिया वाहन के संसार में कुछ अलग कर दिखाना है।

यूट्यूब पर वीडियो देख आया एक आइडिया

मिस्त्री योगेश वर्मा मोबाइल पर दुपहिया वाहनों की वीडियो देखते रहते थे। कई वाहन पेट्रोल से चलते देखे, तो कई वाहन बैटरी से चलते। दोनों में ही एनर्जी खत्म होने पर परेशानी से परेशान हुए। अचानक योगेश वर्मा को आइडिया आया कि क्यों न ऐसा दुपहिया वाहन बनाया जाए, जो पेट्रोल से भी चले और बैटरी से भी। ताकि कभी वाहन को धक्का मारने की नौबत न आए।

स्कूटर

बना दिया पेट्रोल और बैटरी, दोनों से चलने वाला स्कूटर

योगेश वर्मा ने अपने एक स्कूटर को अपनी प्रयोगशाला बनाया। उनका स्कूटर पेट्रोल से चलता था। योगेश वर्मा ने एक महीन पहले केवल 4 दिन के अंदर उस स्कूटर को ऐसा बना दिया कि वह अब पेट्रोल से भी चलता है और बैटरी से भी। योगेश वर्मा का दावा है कि अभी तक ऐसा कोई अन्य दुपहिया वाहन नहीं बना, जो पेट्रोल और बैटरी दोनों से चलता हो। मार्केट के लोग और अन्य मिस्त्री इस स्कूटर को देख कर चकित रह जाते हैं। जो भी उस स्कूटर को देखता है, वह योगेश वर्मा को मिस्त्री नहीं इंजीनियर कहता है।



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