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(बरेली ) न्यूज़ बरेली: बरेली हिंसा के चार दिन बाद भी पुलिस की सख्त कार्रवाई जारी है। अब तक पुलिस ने 60 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच में सामने आया है कि इस हिंसा की योजना काफी पहले से बनाई गई थी। इस मामले के 2 मुख्य मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर रजा और नदीम हैं। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। नदीम ने लोगों को व्हाट्सएप कॉल करके बरेली बुलाया था।

नदीम ने फैलाया था हिंसा का जाल
पुलिस की जानकारी के मुताबिक नदीम ने 55 लोगों को व्हाट्सएप पर कॉल किया था। इन 55 लोगों के जरिए शहर में हिंसा फैलाने के लिए लगभग 1600 लोग जुटाए गए थे। नदीम ने लोगों को कहा था कि वे सीएए-एनआरसी विरोध प्रदर्शन की तरह नाबालिगों को आगे रखें। इसी वजह से खलील स्कूल तिराहा और पिर श्यामगंज इलाकों में माहौल खराब हुआ।

तौकीर के करीबियों की 150 करोड़ की संपत्ति जब्त
पुलिस ने इस मामले की जांच के दौरान आईएमसी के प्रवक्ता डॉ. नफीस को भी हिरासत में लिया है। सोमवार को कुल 29 उपद्रवियों को जेल भेजा गया। पुलिस के मुताबिक डॉ. नफीस और उनके साथियों की लगभग 150 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई है।

बरेली में फिर शुरू हुई इंटरनेट सेवा
हिंसा के कारण बीते शनिवार शाम से बरेली में इंटरनेट सेवा बंद थी, लेकिन सोमवार सुबह से इसे फिर से शुरू कर दिया गया है।

फर्जी हस्ताक्षर के मामले में भी फंसा नदीम
आईएमसी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें नदीम, डॉ. नफीस और लियाकत खान के हस्ताक्षर थे। जांच में पता चला कि लियाकत खान के हस्ताक्षर नदीम ने फर्जी तरीके से बनाए थे। इस मामले में भी नदीम के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।

पुलिस की सख्ती से बरेली में शांति
पुलिस ने अब तक कुल 62 उपद्रवियों को गिरफ्तार कर लिया है। इनके खिलाफ 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। डॉ. नफीस को ‘अंकल ऑफ आईएमसी’ कहा जाता है। उनकी ऑफिस और बरेली नगर निगम के 74 दुकानें सील कर दी गई हैं। सोमवार को 29 उपद्रवियों को जेल भेजा गया। पुलिस ने कहा है कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई करती रहेगी ताकि बरेली में शांति कायम रहे।                                                                             उत्तर प्रदेश में बरेली में दंगे की साजिश रचने वाले मौलाना तौकीर को 2013 मे तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हथकरघा विभाग का उपाध्यक्ष यानी दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री बनाया था

मौलाना ने अखिलेश को ब्लैकमेल कर यह पद हथियाया था।

2012  में भोजीपुरा से अपनी इत्तिहाद पार्टी से विधायक जिता लिया था और 2014 में बरेली और मुरादाबाद लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कर सपा को डरा दिया था।
डील के तहत अखिलेश ने दर्जा राज्य मंत्री बनाया था।

हालाँकि, मुजफ्फरनगर दंगे के बाद मौलाना पद छोड़ बसपा में शामिल हो गया।

2010 में भी बरेली में भीषण दंगा हुआ था और यही मास्टरमाइंड था। बसपा की सरकार में जेल गया था, लेकिन समर्थकों ने शहर जला देने की धमकी दी थी तो दबाव में आए शासन/प्रशासन ने बाद में छोड़ दिया था।

बरेली हिंसा मामले में मौलाना तौकीर रजा को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है, वो पहले से हिरासत में था।(हाउस अरेस्ट)

बरेली के अलग-अलग 5 थानों में 11 FIR दर्ज हुई हैं, पुलिस ने 40 उपद्रवी भी अरेस्ट किए, 2000 लोगों पर 6 FIR दर्ज की गई हैं।

दरगाह आला हजरत समेत संवेदनशील इलाकों समेत पूरे शहर में पुलिस, PAC और RRF का फ्लैग मार्च हो रहा है।

एक सवाल यह है कि पुलिस पर पथराव कौन से धर्म में है?,दूसरा उर्दू फारसी अरबी किस भाषा में आई लव का जिक्र है?

चलिए आई लव भी करिए आपका अधिकार है। सरकार को आपके लव से समस्‍या नही है। लेकिन वही पहला सवाल लव में पत्‍थर गोली कट्टा कहां से आया इससे लव है तो सरकार अपने तरीके से निपटेगी..
प्रदेश में अशान्‍ति  करेंगे मुसलमान तो सेवा सबकी होगी

और मौलाना के कई भड़काए टट्टुओं की तो हो भी गई हैं

By Parvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️

A2Z NEWS UP Parvat singh badal (Bureau Chief) Jalaun ✍🏻 खबर वहीं जों सत्य हो

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