
उदित राज।
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लखनऊ में हुए दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यक व आदिवासी संगठनों के परिसंघ के सामाजिक न्याय सम्मेलन में शनिवार को वक्फ संशोधन विधेयक के बिंदुओं पर सवाल उठाए गए। कहा गया कि किसी भी सूरत में वक्फ संशोधन विधेयक स्वीकार्य नहीं है। वक्फ और संविधान को बचाने के लिए दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यकों की एकता की जरूरत बताई गई। वहीं, संविधान बचाने, आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से बढ़ाने और जाति जनगणना आदि मुद्दों पर एक दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली करने का निर्णय लिया गया।
सम्मेलन का आयोजन विधानसभा रोड स्थित सहकारिता भवन में किया गया। परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने वक्फ संशोधन विधायक पर सवाल उठाते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर समेत तमाम मंदिरों की ट्रस्ट में मुसलमान सदस्य नहीं हो सकता है तो वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि वक्फ संशोधन बिल को सही ठहराने के लिए भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे हैं लेकिन उनके नीचे के लोग इसके खिलाफ हैं।
परिसंघ के महासचिव शाहिद अली एडवोकेट ने कहा कि डॉ. अंबेडकर के संविधान ने बराबरी का अधिकार दिया लेकिन सरकार उसे खत्म करना चाहती है। इस मौके पर कौमी तंजीम के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद तालिब अली, वक्फ वेलफेयर फोरम जावेद अहमद, पूर्व विधायक अरशद खान, ऑल इंडिया गददी समाज फेडरेशन के अध्यक्ष मोहम्मद तारिक गाजी, ऑल इंडिया मुस्लिम घोसी एसोसिएशन के अध्यक्ष इं. वलीउल्लाह, एडवोकेट सतीश कुमार आदि ने विचार रखे।