आंखों के सामने अचानक अंधेरा छा गया। लगा मौत आ गई। अब तक यकीन नहीं हो रहा कि हम जिंदा हैं… टूंडला में निर्माणाधीन रेलवे ओवरब्रिज की शटरिंग गिरने से हुए हादसे में घायल मजदूर हादसे का मंजर बताते हुए सदमे में नजर आए। घायल जितेंद्र, विकास, साहिल और समीर ने कहा कि ओवरब्रिज गिरना किसी बुरे सपने से कम नहीं था। रात लगभग 9 बजे जब यह हादसा हुआ, वे सभी पुल पर अपने काम में लगे हुए थे। किसी को भी यह अंदाजा नहीं था कि अगले ही पल क्या होने वाला है।
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माैके पर पहुंचे अधिकारी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
घायल मजदूरों ने कहा, हम सब अपना-अपना काम कर रहे थे। अचानक ओवरब्रिज भरभराकर गिर गया और हम मलबे की चपेट में आ गए। इस खौफनाक मंजर को याद करते हुए जितेंद्र ने दर्द भरी आवाज में कहा, जब स्लैब गिरा तो धूल और मिट्टी का इतना तेज गुबार उठा कि आंखों के सामने पूरी तरह से अंधेरा छा गया। लगा कि अब नहीं बचूंगा। मौत हो गई। घायल मजदूर शारीरिक चोटों के साथ-साथ गहरे मानसिक आघात में भी हैं। अस्पताल के बिस्तरों पर लेटे मजदूरों ने कहा कि उन्हें अभी भी इस बात पर यकीन नहीं हो रहा है कि वे जिंदा बच गए हैं।
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टूंडला हादसा।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
रोका गया ओवरब्रिज निर्माण का कार्य, रेलवे की उच्चस्तरीय टीम ने शुरू की जांच
रेलवे ओवरब्रिज हादसे के बाद अब ठेकेदार पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। गंभीर हादसे के बाद पुल निर्माण का ठेकेदार मौके से फरार हो गया है, जिसके विरुद्ध प्रशासन द्वारा मुकदमा दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे विभाग की एक उच्चस्तरीय टीम ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया और जांच शुरू कर दी है। इस टीम का फोकस शटरिंग में गड़बड़ी के कारणों और सुरक्षा मानकों में हुई चूक की पड़ताल पर है। जांच प्रक्रिया शुरू होते ही एहतियात के तौर पर पुल निर्माण का कार्य पूरी तरह से रोक दिया गया है। हालांकि, प्रशासन ने जनहानि न होने की पुष्टि की है, लेकिन सरकार या रेलवे की ओर से घायल श्रमिकों के लिए फिलहाल किसी मुआवजे राशि की घोषणा नहीं की गई है।
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माैके पर आला अधिकारी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
11 मजदूर लापता, जिंदगी बचाने के लिए धीमी गति से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
निर्माणाधीन ओवरब्रिज की शटरिंग गिरने के बाद मलबे को हटाने, रेस्क्यू ऑपरेशन कर मजदूरों की तलाश एक बड़ी चुनौती बन गई है। बचाव दल को बुलडोजर चलाने में अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन की गति धीमी पड़ गई है। ठेकेदार के फरार होने से यह पता नहीं चल पा रहा कि कितने मजदूर साइट पर काम कर रहे थे। इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी प्रशासनिक अधिकारियों को किसी के पास नहीं मिली।
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घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
हादसे के बाद सबसे बड़ा सवाल 11 लापता मजदूरों को लेकर खड़ा हो गया है। साइट चौकीदार सतेंद्र के अनुसार दुर्घटना के समय पुल पर कुल 16 श्रमिक काम कर रहे थे जबकि देर रात तक केवल 5 मजदूर ही घायल अवस्था में पाए गए हैं और उन्हें अस्पताल भेजा गया है। बाकी के 11 मजदूर मौके से भाग गए हैं या मलबे के नीचे दबे हैं, इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। प्रशासन और पुलिस की टीमें इसी आशंका के चलते मलबे को हटाने में सावधानी बरत रही है।