
बैठक में मौजूद केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल, पुलिस अधिकारी व अन्य
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ताजनगरी आगरा के बरहन में 72 घंटे के भीतर सादाबाद पुलिस के उत्पीड़न से तंग आकर दो भाइयों ने खुदकुशी कर ली। घटना के बाद केंद्रीय राज्यमंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल के तेवर तल्ख नजर आए। एसीपी सुकन्या शर्मा से पूछा कि आपसे गांव के लोगों ने कहा होगा कि पुलिस उत्पीड़न के चलते संजय ने आत्महत्या की। एसीपी ने हामी भरी तो मंत्री ने कहा लिख देतीं एफआईआर, बाद में एफआर लगा देतीं।
उन्होंने एसपी हाथरस से फोन पर कहा कि बरहन पुलिस का मुल्जिम है आपका दरोगा, उसे सौंपें। मंत्री बोले कि यदि कोई कहे कि एसपी सिंह बघेल की वजह से मेरे भाई ने आत्महत्या की है तो लिखो, हां आपको जांच करनी है। इस मामले में दूसरी पार्टी पुलिस थी, इसलिए आप लोग पी गए बात को। पहली घटना में कुछ ठोस होता तो दूसरी घटना क्यों होती ?
मेरे पास मुख्यमंत्री आवास से फोन आते रहे। केंद्रीय मंत्री ने एसीपी पूछा कि आपने क्या लिखा पंचनामा में ? सादाबाद पुलिस का तस्करा डाला था क्या ? एसीपी ने हां में जवाब दिया। क्या यह लिखा था कि जनश्रुति है या ये लोग कह रहे हैं कि उत्पीड़न की वजह से आत्महत्या की है। इस पर एसीपी ने उत्तर नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सादाबाद पुलिस के आईओ को देख लो, लड़की चली गई थी। वह नाबालिग थी तो ले जाने वाला तो जेल जाएगा ही।
इसमें अगर लड़की हिंदू होती और लड़का मुसलमान, तब कितनी दबिश पड़ती। आरोपी दरोगा को एसपी हाथरस ने बैठा रखा है। उनसे मांगो अपना मुल्जिम। यह कहकर अपना मोबाइल एसीपी को थमा दिया। कहा कि आम आदमी होता तो जेल भेजते तो दरोगा क्यों नहीं जाएगा जेल। इस बीच साथ बैठे पूर्व विधायक रामप्रताप सिंह चौहान ने कहा कि जेल नहीं भेजोगे तो आप लोगों को ही परेशानी होगी, यह समझ लो।