
पान मसाला (सांकेतिक)
– फोटो : social media
विस्तार
पान मसाला और तंबाकू प्रेमियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है। इंटरनेशनल मार्केट एनालिसिस रिसर्च एंड कंसलटिंग ग्रुप (आईमार्क) के मुताबिक भारत में पान मसाला बाजार वर्ष 2022 में 43410 करोड़ रुपये का था।
जो वर्ष 2028 तक बढ़कर 53678 करोड़ रुपये का हो जाएगा। मसाला-तंबाकू खाने वाले लोग हर साल चार फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहे हैं। जांच एजेंसियों के मुताबिक अकेले इसी सेक्टर में हर साल 14 हजार करोड़ की टैक्स चोरी की जा रही है।
हर साल चबा रहे 140 अरब मसाला-तंबाकू पाउच
जीएसटी जांच विंग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 140 करोड़ की आबादी में हर साल 140 अरब पान मसाले और तंबाकू की पुड़िया खप रही है। खास बात ये है कि न तो इसमें गांव-कस्बों में बिकने वाले स्थानीय ब्रांड शामिल हैं और न ही चोरी से चल रही पान मसाला मशीनों से निकलने वाले माल को इसमें जोड़ा गया है।
इन 140 अरब पुड़िया में 95 अरब मसाले और 45 अरब तंबाकू की हिस्सेदारी है। उन्होंने चिंता जताते हुए बताया कि तंबाकू के मुकाबले सादे पान मसाले की मांग 11 फीसदी बढ़ी है। यानी युवा पीढ़ी में मसाले की लत बढ़ी है।