यूपी के रायबरेली के लालगंज के भिचकौरा गांव में शनिवार दोपहर पंचायत मित्र सीमा (35) की गड़ासे से गला काटकर हत्या कर दी गई। गांव के ही आरोपी राजगीर मिस्त्री राम सुमेर ने भी जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। एएसपी संजीव कुमार सिन्हा के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है। ग्रामीणों में प्रेम प्रसंग के चलते हत्या की चर्चा है।
राजेंद्र पासवान की पत्नी सीमा पंचायत मित्र के पद पर कार्यरत थीं। शनिवार दोपहर करीब एक बजे उनका शव घर के अंदर खून से लथपथ मिला। गले का आधा हिस्सा कटा था। पास ही हत्या में प्रयुक्त गड़ासा पड़ा था। घटना के समय सीमा के तीनों बच्चे स्कूल गए थे।
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हत्या के बाद जांच करती पुलिस
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
जमीन पर पड़ा था सीमा का खून से सना शव
घर में सीमा के अतिरिक्त दूसरा सदस्य मौजूद नहीं था। सीमा के जेठ रमेश के मुताबिक उन्होंने दोपहर में गांव के राम सुमेर (45) को घर से भागते देखा था। इसके बाद वह ग्रामीणों के साथ घर में गए, तो सीमा का खून से सना शव जमीन पर पड़ा था। कुछ ही देर में पुलिस और फोरेंसिक टीम भी पहुंच गई।
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जानकारी लेते एएसपी।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
इसी बीच पता चला कि प्राइमरी स्कूल के पास सरसों के खेत में राम सुमेर मरणासन्न पड़ा है। पुलिस राम सुमेर को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंची, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। चिकित्सकों के अनुसार राम सुमेर ने कोई जहरीला पदार्थ खाया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलेगा कि वह जहरीला पदार्थ क्या था।
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मौके पर पड़ा गड़ासा।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
राजगीर मिस्त्री ने आखिर क्यों की पंचायत मित्र की हत्या
पंचायत मित्र सीमा की हत्या व राजगीर राम सुमेर की मौत से गांव में सन्नाटा है। ग्रामीणों के अनुसार राम सुमरे व पंचायत मित्र के बीच नजदीकी काफी समय से थी। पंचायत तक बात पहुंची, लेकिन राम सुमेर के कदम नहीं रुके। वह अक्सर सीमा के घर पहुंच जाता था। अब सवाल यह है कि जब दोनों में इतनी नजदीकी थी, तो फिर किस कारण से सीमा की निर्मम हत्या की। दोनों में तकरार किस बात पर हुई।
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आरोपी राम सुमेर की फाइल फोटो
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
आखिर क्या मामला था जो राम सुमेर सीमा की हत्या के लिए मजबूर हुआ। ये सवाल पुलिस के लिए भी पहेली बने हैं। यही कारण है कि पुलिस ने हत्या के कारणों का खुलासा नहीं किया है। जांच को पुख्ता करने के लिए स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) की भी मदद ली है। ग्रामीणों के मुताबिक पंचायत मित्र और राम सुमेर के बीच कई वर्षों से नजदीकी थी।