बेटे ने घर बनवाने के लिए आठ लाख रुपये में जमीन खरीदी। कर्ज लेकर घर बनवाया। 15 लाख रुपये बैंक का बकाया है। हर माह 9 हजार रुपये किस्त चुकानी पड़ती है। बेगुनाह होते हुए भी उसे जेल भेज दिया गया। कंपनी के अनुबंध में शामिल है कि अगर किसी कर्मचारी से विवाद होता है तो उसका समाधान भारत में ही निकाला जाना चाहिए। इसके बावजूद कैमरून में उसे जेल भेज दिया गया। सरकार ने भी मदद नहीं की। धनपाल जैन ने रोते हुए अपनी पीड़ा बताई। कहा कि कहीं कोई मदद नहीं कर रहा है।
दयालबाग, न्यू आगरा निवासी धनपाल जैन कार चालक हैं। उनका बेटा धीरज जैन पुणे की सदगुरु टूर एंड ट्रैवल्स कंपनी में काम करता था। पिता का कहना है कि बेटे को कंपनी ने अफ्रीकी देश कैमरून भेजा था। अब कंपनी उस पर धोखाधड़ी का आरोप लगा रही है। उसके खिलाफ झूठी शिकायत की गई। इसके बाद जेल भिजवा दिया गया। अब उनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
उन्होंने बताया कि राज्यसभा सांसद नवीन जैन से गुहार लगाई थी। उन्होंने दूतावास में पत्राचार किया मगर उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। अब वो बेटे के घर वापस आने के लिए चिंतित हैं। उनकी बहू और पोती भी वहीं फंसी है। धीरज की ससुराल फिरोजाबाद में है। उनकी ससुराल वाले भी चिंतित हैं।
बेटे पर अगर किसी तरह की धोखाधड़ी का आराप है तो उसके लिए भारत में ही कानूनी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इस संबंध में मंगलवार को एसीपी हरीपर्वत से मिलकर कंपनी पर अनुबंध का पालन नहीं करने पर शिकायत दर्ज करने की गुहार लगाई। एसीपी ने जांच का आश्वासन दिया है।
कंपनी अनुबंध के मुताबिक अपनाएं कानूनी प्रक्रिया
दीवानी के अधिवक्ता अनूप शर्मा ने बताया कि भारत में संचालित कंपनी अगर अपने किसी कर्मचारी को विदेश में भेजती है तो उसके साथ अनुबंध करती है। इसमें यह तय किया जाता है कि किसी प्रकार की कानूनी प्रक्रिया के लिए भारत में कार्रवाई होगी या फिर संबंधित देश में। अनुबंध के मुताबिक ही कंपनी कार्रवाई कर सकती है। इसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता है।
