Minorities got more loan of Rs 7000 crore this year banks were kind and number of beneficiarie increased In up

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : iStock

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जो बैंक पहले प्रदेश के अल्पसंख्यकों को कर्ज देने से कतराते थे उन्होंने अब अपने दरवाजे खोल दिए हैं। इसी का नतीजा है कि पिछले एक वर्ष में सात हजार करोड़ रुपये ज्यादा लोन अल्पसंख्यकों को दिया गया है। इसी अवधि में लोन लेने वाले अल्पसंख्यकों की संख्या लगभग 18 लाख बढ़ गई है।

इस संबंध में राज्य स्तरीय बैंक समिति ने आरबीआई और शासन को रिपोर्ट भेजी है। इसमें बताया गया है कि प्रदेश में 21 जिले अल्पसंख्यक बहुल के रूप में चिह्नित हैं। इनमें लोन लेने वाले अल्पसंख्यकों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। 

पिछले साल सितंबर में इन जिलों में 39605 अल्पसंख्यकों ने 776 करोड़ रुपये का लोन विभिन्न मदों में लिया था। इस साल सितंबर तक लोन लेने वाले अल्पसंख्यक 13.66 लाख हो गए। उन्होंने 23,518 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन बैंकों से लिया। यानी केवल एक साल में इन जिलों में लोन लेने वाले अल्पसंख्यकों की संख्या 13.26 लाख बढ़ गई। जो 35 गुना से भी ज्यादा है।

अल्पसंख्यक बहुल जिले

बदायूं, बाागपत, बहराइच, बलरामपुर, बाराबंकी, बरेली, बिजनौर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, अमरोहा, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शाहजहांपुर, श्रावस्ती और सिद्धार्थनगर।

 



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