आगरा के बाह में अवैध रूप से न्यू लाइट हॉस्पिटल चलाने वाला झोलाछाप को पुलिस अभी तक पकड़ नहीं पाई है। इसके इलाज से ही प्रसूता की मौत हो गई थी। प्रसूता का शव छोड़कर झोलाछाप स्टाफ समेत भाग गया था। इसके यहां कमीशन पर प्रसव कराने वाली 60 आशाओं की जांच शुरू हो गई है। इसके प्रसव के रिकाॅर्ड खंगाले जा रहे हैं।
बीते 10 दिसंबर को न्यू लाइट हॉस्पिटल में क्यारी निवासी 30 साल की सुमन की प्रसव के बाद मौत हो गई थी। परिजन से 80 हजार रुपये भी वसूल लिए थे। मौत के बाद शव को छोड़कर झोलाछाप और स्टाफ भाग गया। अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हुई थी। पोस्टमार्टम में प्रसूता की मौत की वजह अत्यधिक प्रसव होना बताया है। तीन दिन बीतने पर भी पुलिस आरेापी झोलाछाप का अभी तक सुराग भी नहीं लगा पाई है।
इसके यहां मिले रजिस्टर में करीब 60 आशाओं के नाम और फोन नंबर मिले हैं। ये आशाएं बाह और जैतपुर क्षेत्र की हैं। इनके सीएचसी प्रभारियों से इनकी ओर से पंजीकृत गर्भवती महिलाओं और सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने के रिकार्ड मांगे हैं। सीएचसी प्रभारी इस साल के रिकाॅर्ड खंगाल रहे हैं। सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि झोलाछाप पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। कमीशनखोरी में संलिप्त आशाओं की जांच शुरू हो रही है।
बिना पंजीकृत के ही एजेंसी उठा रही थी मेडिकल वेस्ट
विभागीय जांच में जानकारी सामने आई है कि न्यू लाइट हॉस्पिटल का स्वास्थ्य विभाग के यहां पंजीकरण नहीं था। ये अवैध रूप से संचालित हो रहा था। इसके बावजूद मेडिकल वेस्ट उठाने वाली एजेंसी इसके यहां से मेडिकल वेस्ट उठा रही थी। इस मामले की भी जांच शुरू हो गई है। सीएमओ का कहना है कि मेडिकल वेस्ट उठाने के लिए चिकित्सकीय संस्थान का पंजीकरण भी जरूरी है। इसकी जांच करा रहे हैं।
