आगरा के बिचपुरी के कलवारी स्थित एचआर एस्टेट निवासी और संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. देवी सिंह नरवार बीते 26 वर्षों से इस मुद्दे को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। डॉ. नरवार ने बुधवार को एमएलसी विधायक विजय शिवहरे से मुलाकात कर विस्तार से वार्ता की और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के लिए समय निर्धारित कराने का अनुरोध किया।
इस दौरान उन्होंने शिवहरे को ज्ञापन भी सौंपा। डॉ. नरवार ने बताया कि यूपी बोर्ड के अधीन प्रतिवर्ष लगभग 56 लाख परीक्षार्थी हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा देते हैं। वर्तमान में बोर्ड के पांच क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ, बनारस, बरेली, प्रयागराज और गोरखपुर में कार्यरत हैं। शासन की विकेंद्रीकरण नीति के तहत आगरा में कार्यालय खोलने के लिए 1999, 2001 और 2018 में तीन बार प्रस्ताव शासन को भेजे जा चुके हैं। डॉ. नरवार के मुताबिक, इन प्रस्तावों में मेरठ और प्रयागराज कार्यालय के कुछ जिलों को विभाजित कर आगरा में नया क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने की अनुशंसा की गई थी।
इससे ब्रज और बुंदेलखंड क्षेत्र के छात्रों को प्रशासनिक सुविधा, समय और संसाधनों की बड़ी बचत होगी। प्रस्तावित क्षेत्रीय कार्यालय के अंतर्गत आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, हाथरस, एटा, कासगंज, औरैया, कन्नौज, फर्रूखाबाद, इटावा, झांसी, जालौन (उरई) और ललितपुर सहित 15 जिले शामिल होने की संभावना है। एमएलसी विजय शिवहरे ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही मुख्यमंत्री से मुलाकात कराई जाएगी, जिससे इस मुद्दे पर निर्णायक वार्ता संभव हो सके। इस दौरान बृजकिशोर सिंह और सत्यपाल मौजूद रहे।
एक लाख से अधिक लोग दे चुके हैं समर्थन
डॉ. देवी सिंह नरवार ने कहा कि संघर्ष समिति ने अब तक लगभग एक लाख से अधिक छात्रों, अभिभावकों और नागरिकों के हस्ताक्षर एकत्र कर समर्थन जुटाया जा चुका है। क्षेत्रीय सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी मुख्यमंत्री को समर्थन पत्र प्रेषित किए गए हैं। आगरा के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर स्थित पुराने बीटीसी छात्रावास के तीस कमरों को कार्यालय के लिए प्रस्तावित किया गया है, जिसका स्थलीय निरीक्षण भी शासनिक अधिकारियों से कराया जा चुका है।
