राज्य कर के मोबाइल दस्ते ने देहरी खुर्रम उमरी कला में चेकिंग के दौरान लकड़ी से लदा एक ट्रक पकड़ लिया। जांच से पता चला कि कारोबारी ने एक मोबाइल नंबर से 12 फर्में पंजीकृत कराई हैं। इस मामले में राज्य कर अधिकारी ने सिविल लाइंस थाने में फर्म मालिक सहित तीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया है।
राज्य कर अधिकारी सुनील कुमार डागर 14 नवंबर की रात डेढ़ बजे देहरी खुर्रम उमरी कला में अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ वाहन चेकिंग कर रहे थे। इस बीच लकड़ी से लदे ट्रक को टीम ने रोक लिया। टीम ने सबदलपुर रेहरा जिला बिजनौर निवासी चालक फरमान से पूछताछ की।
चालक ने बताया कि ट्रक पर लदी लकड़ी ठाकुरद्वारा के जारा ट्रेडर्स की है। लकड़ी सहारनपुर यमुनानगर स्थित लकी टिंबर के लिए भेजी जा रही है। इस मामले में कागजात देखने पर पता चला कि आपूर्तिकर्ता ने टैक्स इन्वाइस संख्या-179 13 नवंबर को जारी किया है।
ई-वे बिल के अनुसार माल की मात्रा 48200 किलोग्राम है। इस माल पर कर योग्य कीमत 3.12 लाख होगी। फर्म के मालिक एतेहशाम अहमद से चालक ने फोन पर बातचीत की। दूसरे दिन जांच करने पर पता चला कि मोबाइल नंबर 99—65—21 पर कुल 12 फर्में पंजीकृत कराई गई हैं।
इस फर्म की जांच सहायक आयुक्त राज्य कर, खंड-2 सीतापुर ने जांच की। जांच में फर्म अस्तित्वहीन पाई गई है। इस मामले में सहायक आयुक्त राज्य कर खंड-2 सीतापुर ने सीजीएसटी से पंजीयन निरस्त करने का अनुरोध किया है। इस मामले में एहतेशाम की जालसाजी पकड़ी गई।
इस बारे में राज्य कर अधिकारी का कहना है कि मास्टर माइंड एहतेशाम ने 12 फर्मों के माध्यम से लकड़ी प्रांत के बाहर आपूर्ति की है। बोगस फर्मों के माध्यम से जीएसटी चोरी कर सरकार को चूना लगाया है।
इस बारे में सिविल लाइंस थाना प्रभारी मनीष सक्सेना ने बताया कि फर्म स्वामी एहतेशाम,चालक फरमान और एक अज्ञात के खिलाफ धारा 318 (4), 338, 336 (3) और 340 (2) सहित धोखाधड़ी के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस इस मामले में विवेचना के आधार पर कार्रवाई करेगी।
