आलू की फसल इस साल संकट में है। उसे बीज जनित पोटेटो लीफ रोल वायरस (पत्ती सिकुड़न) ने अपनी जद में लिया है। सभी विकासखंड में कुफरी बहार 3797 आलू इस रोग से प्रभावित हो रहा है। आलू का नया बीज आधार प्रथम और आधार द्वितीय भी वायरस का शिकार हुआ है। इससे खेत उजड़ रहे हैं। वायरस का कोई इलाज न होने पर कई किसान फसल जोत चुके हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र बिचपुरी के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ़ राजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि केंद्र पर किसानों के फोन पोटेटो लीफ रोल वायरस की शिकायत के लिए आ रहे हैं। इस बार वायरस की समस्या ज्यादा है। इसमें पौधे के उगने के बाद पत्ते पूरे आकार में नहीं खुल पाते हैं। इसकी रोकथाम के लिए किसान वायरस प्रभावित पौधे उखाड़ कर पन्नी से ढककर खेत से अलग ले जाएं। इससे उन पर पनपे कीट दूसरे पौधों पर नहीं जा सकें। इसके बाद पौधों को मिट्टी में दबाकर पूरी तरह नष्ट कर दें। इसके अलावा हल्के कीटनाशक का प्रयोग रासायनिक उपचार में इमेडा क्लोरपिड 0़ 5 एमएल प्रति लीटर और नीम तेल 5 एमएल प्रति लीटर के घोल का छिड़काव कर बढ़ने से रोका जा सकता है। इनके छिड़काव से सफेद मक्खी और माहू कीट नष्ट हो जाएगा।
उपचार न होने पर जोत दिया खेत
एत्मादपुर के चिरौली गांव के किसान वीरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्होंने 23 बीघा में कुफरी बहार 3797 आलू लगाया था। बीज दो साल पुराना था। उसमें 70 से 80 फीसदी तक वायरस था। कई दवाओं का छिड़काव नहीं किया। कोई फायदा न मिलने पर खेत जोत दिया। खंदौली निवासी किसान रौबी मुकदम ने बताया कि कुफरी बहार में 15 से 20 फीसदी तक वायरस है। इससे पैदावार में कमी और आगे के लिए बीज तैयार करने में समस्या आती है। रोग ग्रसित पौधों को उखाड़ना बहुत मुश्किल होता है।