यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे ने भीषण हादसा कराया, 19 लोगों की जान चली गई। 15 लोग आग में जल गए। इस घटना के बाद कोहरे में हादसों को रोकने के लिए वृहद योजना बनाई जा रही है। इसके लिए 24 दिसंबर को बैठक होगी। इसमें एडीजी आगरा जोन के साथ आगरा-अलीगढ़ रेंज के डीआईजी शामिल होंगे।

एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ ने बताया कि मथुरा हादसे की जांच दो टीमें कर रही हैं। एक टीम डीएम ने बनाई है, वहीं मानेसर के इंस्टीट्यूट ऑफ रोड सेफ्टी की टीम आई थी। दोनों टीमों ने दो दिन तक जांच की। अब इन टीमों की रिपोर्ट का इंतजार है। इससे घटना के सही कारण पता चलेगा। फिर से इस तरह के हादसे कोहरे के दाैरान न हों, उसके लिए एक बैठक 24 दिसंबर को बुलाई गई है। इसमें आगरा, अलीगढ़, मथुरा के डीएम, एसएसपी, कमिश्नर रहेंगे। इनके अलावा लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, एक्सप्रेसवे अथारिटी के अधिकारी रहेंगे।

एडीजी ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर कई मार्ग ऐसे हैं, जहां पर साइड में नाला और तालाब होने की वजह से पानी रहता है। इस वजह से कोहरा अधिक पड़ता है। ऐसे में दृश्यता शून्य हो जाती है। इन स्थानों का चिह्नित किया जाएगा। इसके साथ ही इन स्थान पर रोशनी के इंतजाम कराए जाएंगे। फाॅग लाइट होगी तो दृश्यता बढ़ जाएगी। इसी तरह हाईवे पर इंतजाम किए जाएंगे। साइनेज और बोर्ड आदि लगवाएं जाएंगे। चालकों को जागरूक करने के लिए टोल पर ही टीमों को लगाने के निर्देश दिए गए हैं। कोहरा अधिक होने पर वाहनों को नहीं निकाला जाएगा। रुक-रुककर वाहनों को निकालने के निर्देश दिए गए हैं।

रिफ्लेक्टर टेप और साइनेज बोर्ड लगाए

आगरा कमिश्नरेट पुलिस ने भी आगरा-मथुरा, आगरा-ग्वालियर, जयपुर, आगरा-फतेहाबाद-बाह मार्ग पर सुरक्षा के इंतजाम शुरू कर दिए हैं। डीसीपी ट्रैफिक सोनम कुमार ने बताया कि डिवाइडर और खंभों पर रिफ्लेक्टर टेप लगाए गए हैं। वहीं कट, रास्तों पर साइनेज बोर्ड भी लगा दिए गए हैं। जिन स्थान पर वाहन खड़ा करने पर हादसों का खतरा है, वहां पर नो पार्किंग के बोर्ड लगाए गए हैं। सिकंदरा से एत्मादपुर तक हाईवे के टूटे डिवाइडरों को सही कराने का काम भी शुरू हो गया है।

 



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