मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज (एमईएस) के पूर्व अभियंता से 65.85 लाख रुपये हड़पने के मामले में एसीजेएम-1 शिवानंद गुप्ता ने प्राथमिकी दर्ज कर थानाध्यक्ष सिकंदरा को विवेचना के आदेश दिए हैं।

आरोप शाहगंज के अर्जुन नगर निवासी दीनदयाल उपाध्याय और उनके पुत्र मनीष पर है। उत्तराखंड के जिला हरिद्वार के रुड़की निवासी प्रदीप कुमार अग्रवाल ने प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया। बताया कि वह एमईएस में एयरफोर्स स्टेशन, आगरा में तैनात थे। तब उनकी पहचान दीनदयाल उपाध्याय से हुई थी। 2006 में चंडीगढ़ से अवकाश प्राप्त होने के बाद वह रुड़की में निवास करने लगे।

वर्ष 2018 में दीनदयाल उपाध्याय और उनका पुत्र मनीष उपाध्याय घर आए। बताया कि हरी कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम से अपनी फर्म का मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेज विभाग में रजिस्ट्रेशन करा लिया है। पंजाब में दो बड़े ऑर्डर निर्माण करने के लिए मिल गए हैं, आप अनुभवी हैं। फर्म में निवेश कर हिस्सेदार बन जाओ तो 50 प्रतिशत मुनाफा आपका होगा।

भरोसा कर उन्होंने अपने पुत्र और भतीजे को उनकी फर्म का पार्टनर बना दिया। 65.85 लाख रुपये निवेश किए। फर्म ने चंडीगढ़ में स्कूल निर्माण किया। रुपये मिलने पर विपक्षी ने पार्टनरशिप रद्द कर दी और उनके रुपये हड़प लिए। 



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