मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसे के 15 मृतकों में किसी के हाथ की हड्डी मिली तो किसी के पैर की, किसी की खोपड़ी तो किसी का सिर्फ हड्डी का एक टुकड़ा ही मिल पाया। हादसे के भयावह मंजर के बाद पुलिस के सामने अपनों की पहचान कराने की सबसे बड़ी चुनाैती है। परिजन पुलिस से गुहार लगा रहे हैं कि किसी तरह अस्थियां दिलवा दो।

पुलिस ने मृतकों के डीएनए सैंपल लिए हैं। इनका मिलान परिजन के डीएनए से कराया जाएगा। इस प्रक्रिया को पूरा होने में 15 से 30 दिन का समय लग सकता है। आगरा की विधि विज्ञान प्रयोगशाला में नमूने भेजे गए हैं। हडि्डयों के बोन मैरो और दांतों के पल्प के डीएनए से मृतकों की पहचान होने के आसार हैं। यमुना एक्सप्रेस वे पर मथुरा के बल्देव में मंगलवार सुबह भीषण हादसा हुआ था। अपने सफर पर निकले यह लोग अंतिम सफर पर चले गए। बसों में लगी आग से मृतकों के शरीर के अंग तक नहीं बचे। पुलिस ने जब मृतकों को निकालने का प्रयास किया तो किसी की हड्डी मिली तो किसी का नरमुंड ही मिल सका। अंतिम संस्कार के लिए लोग भटक रहे हैं।

 




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Yamuna Expressway Tragedy: Bodies Burnt Beyond Recognition DNA Tests to Identify 15 Victims

विधि विज्ञान प्रयोगशाला
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


विधि विज्ञान प्रयोगशाला के डिप्टी डायरेक्टर अशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने 19 लोगों के डीएनए सैंपल भेजे हैं। इनकी जांच कराई जा रही है। इसमें न्यूनतम एक सप्ताह से 15 दिन का समय लग सकता है।

 


Yamuna Expressway Tragedy: Bodies Burnt Beyond Recognition DNA Tests to Identify 15 Victims

मथुरा हादसा
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


आग में नहीं बचते त्वचा और चेहरा

विधि विज्ञान प्रयोगशाला के पूर्व निदेशक डा. अतुल कुमार मित्तल बताते हैं कि आग से त्वचा, चेहरा, फिंगर प्रिंट सहित अन्य पहचान योग्य अंग पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। दांतों का पल्प और हडि्डयों का बोन मैरो ही अधिक तापमान में बच जाता है। कई बार हडि्डयां भी कई हिस्सों में टूटकर बिखर जाती हैं, जिससे यह पता नहीं चलता कि यह किस अंग की हैं। ऐसे में पहचान के लिए डीएनए जांच का सहारा लिया जाता है। वैज्ञानिक रूप से यह महत्वपूर्ण और सटीक है।

 


Yamuna Expressway Tragedy: Bodies Burnt Beyond Recognition DNA Tests to Identify 15 Victims

मथुरा हादसा
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


माता-पिता, भाई-बहन से हो सकती है पहचान

डा. मित्तल बताते हैं कि डीएनए यानी डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड शरीर की कोशिकाओं और हडि्डयों में पाया जाता है। यह एक अनुवांशिक पदार्थ है। इसकी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में मूल संरचना समान रहती है। यह हमारे माता-पिता और भाई-बहन से मिलता है। अज्ञात मृतकों की पहचान के लिए हड्डी, दांत और बाल की जड़ से डीएनए लिया जाता है। निकाले गए डीएनए का परिजन के डीएनए से मिलान कराया जाता है। डीएनए मिलने पर ही पहचान हो पाती है।

 


Yamuna Expressway Tragedy: Bodies Burnt Beyond Recognition DNA Tests to Identify 15 Victims

मथुरा हादसा
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी


इन संभावित मृतकों के परिजन के डीएनए के लिए नमूना लिया गया

मृतक, परिजन

1. शैलेन्द्र देवपाल (पुरुष, 43), नरेन्द्र भाई निवासी बरूआ, हमीरपुर, थाना मजगाबा।

2. पंकज कुमार (पुरुष, 30), जगदीश पाल पिता निवासी जलरोही हयातनगर, चंदौसी।

3. सलीम खान पुत्र नत्थू खान (पुरुष 58), तबस्सुम पुत्री, कलीम पुत्र निवासी आजाद नगर टीला, इटावा, थाना फ्रेंड्स कॉलोनी।

4. रघुवेन्द्र भगवानदास (पुरुष, 30), अनिरूद्ध कुमार भाई, आर्यन पुत्र निवासी अहीर थाना कुठाउट, जालौन।

5. पार्वती (महिला, 57), आकाश पुत्र निवासी ग्रेटर नोएडा, सेक्टर 87, नोएडा।

 




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