पीलीभीत के किशोर को काम दिलाने के बहाने हरियाणा ले जाकर बेच दिया गया। इसके बाद बंधक बनाकर रखा जाने लगा। यह देखकर किशोर एक दिन भाग निकला। ट्रेन से आगरा पहुंचा। जानकारी पर बाल अधिकार कार्यकर्ता ने उसे चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया।
पीलीभीत के किशोर को काम दिलाने के बहाने हरियाणा ले जाकर बेच दिया गया। इसके बाद बंधक बनाकर रखा जाने लगा। यह देखकर किशोर एक दिन भाग निकला। ट्रेन से आगरा पहुंचा। जानकारी पर बाल अधिकार कार्यकर्ता ने उसे चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया।
बाल अधिकार कार्यकर्ता नरेश पारस ने बताया कि 16 वर्षीय किशोर पीलीभीत का रहने वाला है। 11 दिसंबर को गांव के कुछ युवक काम दिलाने के बहाने हरियाणा ले आए थे। उससे बोझा ढोने का काम कराया जाता था। कमरे में बंद करके भी रखा जाता था। काम न करने पर पिटाई लगाई जाती थी। खाना भी नहीं देते थे।
इस पर किशोर शनिवार को भाग निकला। एक ट्रेन में बैठ गया। धाैलपुर के पास ट्रेन में यात्रियों ने किशोर को रोता हुआ देखा। इस पर उन्हें फोन करके जानकारी दे दी। उसके पास कोई सामान नहीं था। जब ट्रेन आगरा आई तो उससे मुलाकात की। तब उसने पूरी घटना की जानकारी दी। उसके परिजन से बात की। किशोर को चाइल्ड लाइन के कार्यालय में रुकवाया। अब उसके परिजन का इंतजार किया जा रहा है।