लोलेपुर निवासी मंसूर अहमद रिटायर्ड आर्मी मैन हैं। अनुशासन, देशभक्ति की सीख देने वाले मंसूर अहमद ने बड़े बेटे मेराज को एनसीसी कराया। सिराज को भी मेहनत से पढ़ाई-लिखाई करने की सीख देते रहे। वर्ष 2006 में दोस्तों के दो गुटों में हुई एक छोटी सी मारपीट के बाद साधारण सा दिखने वाला सिराज जरायम की दुनिया में बढ़ता चला गया।
अपराध से अकूत संपत्ति बनाई, जिससे भाई मेराज भी जेल पहुंच गया, वह अमहट जेल में बंद है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, गांव में एक बड़ा पक्का मकान, सुल्तानपुर व लखनऊ में कीमती प्लॉट, मुल्की क्षेत्र में सीमेंटेड पाइप बनाने की फैक्टरी और करीब आठ बीघा जमीन थी। पुलिस का कहना है कि यह संपत्ति हत्या, लूट और रंगदारी जैसे अपराधों से अर्जित धन से बनाई गई थी।
छह अगस्त की शाम भुलकी चौराहे पर की थी हत्या
भुलकी चौराहे पर छह अगस्त 2023 की शाम भुलकी गांव में ताबड़तोड़ फायरिंग कर अधिवक्ता आजाद अहमद की हत्या व उसके भाई को घायल कर दिया गया था। इस मामले में सलीम अहमद ने बेटे की हत्या के लिए नामजद एफआईआर लिखाई थी। विवेचना में आठ से अधिक लोग हत्या व साजिश में शामिल मिले, अधिकांश आरोपियों को पुलिस ने जेल भेजा था।
दो साल चार महीने से दहशत में था अधिवक्ता का परिवार
अधिवक्ता आजाद अहमद की छह अगस्त 2023 की शाम हत्या की गई। तब से लगातार उनका परिवार दहशत में रह रहा था। सिराज फरार चल रहा था, लेकिन उसके करीबी लगातार अधिवक्ता के पिता को धमकी दे रहे थे। पिता मो. सलीम पर पिछली पांच जुलाई को लोहरामऊ ओवरब्रिज के पास हमला किया गया था। किसी तरह से उनकी जान बची थी।




