निजीकरण के विरोध में देशभर के बिजली कर्मी और अभियंता लामबंद हैं। 30 जनवरी को दिल्ली में होने वाले विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू हो गई है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति की रविवार को फील्ड हास्टल में हुई बैठक में तय किया गया कि हर जिले से बिजलीकर्मी प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। निजीकरण के विरोध में 15 नवंबर से अलग-अलग स्थानों पर सम्मेलन शुरू हो गए हैं, जो 15 जनवरी तक चलेंगे।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि एक तरफ निजीकरण किया जा रहा है तो दूसरी तरफ वर्टिकल व्यवस्था लागू की जा रही है। निजीकरण के लिए लाए गए ड्राफ्ट बिजली (संशोधन) विधेयक 2025 का हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। इसे केंद्र सरकार तत्काल वापस नहीं लेती है तो 30 जनवरी को दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित रैली में हर जिले से बिजलीकर्मी हिस्सा लेंगे।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बिजली कर्मियों और अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) ने किसान और सामान्य उपभोक्ता संगठनों के साथ संयुक्त मोर्चा बनाकर बिजली के निजीकरण और बिजली (संशोधन) विधेयक 2025 के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। संयुक्त मोर्चे की पहली बैठ 14 दिसंबर को दिल्ली में होगी।