
allahabad high court
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश में जातिगत जनगणना कराने की मांग में दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने गोरखपुर के सामाजिक कार्यकर्ता काली शंकर की याचिका पर दिया है।
याची का कहना है कि अनुसूचित जाति जनजाति की गणना की गई है। वे क्रमश: 15 व 7.5 फीसदी है। जिनको आबादी के हिसाब से सुविधाएं दी जा रही हैं। बीपी मंडल आयोग की सिफारिश 1931 की जाति जनगणना के आधार पर की गई थी।
इसमें सही आंकड़ा नहीं लिया गया था। इसलिए ओबीसी की जाति जनगणना की जानी चाहिए। ताकि सही संख्या का पता चले और उन्हें इसका लाभ दिया जा सके। जाति जनगणना न होने से पिछड़े समाज का बहुत ही अहित हो रहा है।