165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेस वे पर प्रबंधन की लापरवाही बड़ा हादसा करा सकती है। फाॅग लाइट के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। दोनों लेन के एक तरफ लगी तारों की फेंसिंग के टूटे होने से पशुओं के आने का खतरा बना हुआ है। इस तरफ प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है। लोगों को कोहरे में धीमी गति से वाहन चलाने और वाहनों को रोकने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।
मथुरा की घटना के बाद खंदौली टोल प्लाजा से कुबेरपुर तक यमुना एक्सप्रेस वे पर सुरक्षा इंतजामों की पड़ताल की गई। टोल प्लाजा के पास खंदौली इंटरचेंज, मुड़ी सहित कई स्थानों पर एक्सप्रेसवे पर लगाए गए तार गायब हैं। इससे किसी भी समय जानवरों के एक्सप्रेस वे पर आने का खतरा बना हुआ है। एक्सप्रेस वे प्रबंधन ने हर कट पर फॉग लाइट लगाने के दावे किए, लेकिन फॉग लाइट या उससे जुड़े संकेतक कम ही नजर आए।
50 हादसों में गई 6 की जान, 100 घायल
टोल इंचार्ज तुलसीराम गुर्जर ने बताया कि आगरा सेक्टर (148 से 165 किलोमीटर) में इस साल एक जनवरी से 15 दिसंबर के बीच कुल 50 सड़क हादसे हुए, जिनमें 100 लोग घायल हुए हैं, जबकि 6 लोगों की मौत हुई है। एक्सप्रेस वे पर कुल छह एंबुलेंस तैनात हैं, जिनमें एक एंबुलेंस खंदौली-आगरा क्षेत्र में रहती है। सभी एंबुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस हैं। इसके अलावा पेट्रोलिंग वाहन लगातार गश्त कर चालकों को अलर्ट कर रहे हैं।
छोटे वाहनों की गति सीमा घटाकर 60 किमी की गई
कोहरे में हादसों को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। अनाउंसमेंट के साथ फॉग लाइट भी लगाने के लिए कहा जा रहा है। टोल प्लाजा पर भी फॉग लाइट लगाई गई हैं। सभी स्थानों पर पुराने साइन बोर्ड हटाकर नए लगाए गए हैं। कोहरे को देखते हुए छोटे वाहनों की अधिकतम गति सीमा 100 से घटाकर 60 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई है।
