आगरा में बनने वाले जूतों को कारोबारी बिना सरकार को टैक्स दिए फर्जी बिलों के बल पर ट्रेनों के जरिये यूपी के अन्य जिलों व विभिन्न राज्यों में भेज रहे हैं। इस काम को एजेंटों की मदद से किया जा रहा है। इसका खुलासा केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) आगरा की रविवार को की गई कार्रवाई से हुआ। विभाग की टीम ने कलेक्ट्रेट के नजदीक एक गोदाम से 16 हजार जोड़ी से ज्यादा जूते जब्त किए हैं। टीम अब जूतों के कारोबारियों का पता लगा रही है।
सीजीएसटी आगरा की एंटी इवेजन शाखा को सूचना मिली कि फर्जी बिलों के सहारे रेलवे पार्सल सेवा के जरिये देशभर में जूते भेजे जा रहे हैं। सूचना के आधार पर टीम ने कलेक्ट्रेट के नजदीक राधा वल्लभ की बगीची स्थित एक गोदाम पर शनिवार रात छापा मारा। रविवार रात तक चली कार्रवाई के दाैरान गोदाम से बिना बिल के करीब 16 हजार जोड़ी पैक किए हुए जूते जब्त किए गए। इन जूतों की अनुमानित कीमत करीब सवा करोड़ रुपये है।
सूत्रों के अनुसार गोदाम संचालक अमित सिंह से हुई शुरुआती पूछताछ में पता चला है वह लंबे समय से जीएसटी से बचने के लिए जूतों की खेप फर्जी बिल के सहारे रेलवे पार्सल सेवा के माध्यम से लखनऊ, कानपुर, मेरठ व दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और कर्नाट तक भेज रहा है। अब सीजीएसटी पकड़े गए माल के असली मालिक का पता लगा रही है।
कंप्यूटर से खुलेंगे नेटवर्क के राज
सूत्रों के अनुसार कार्रवाई के दाैरान सीजीएसटी अधिकारियों ने गोदाम से कंप्यूटर, लैपटाॅप और एजेंट अमित सिंह के मोबाइल जब्त किए हैं। इन इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों के पूरे डाटा को खंगालकर यह जानने का प्रयास किया जाएगा कि वह कहां और किन लोगों से माल लेकर किन कारोबारियोें को सप्लाई करता था। इन उपकरणों की जांच से जूतों की कालाबाजारी के नेटवर्क के राज खुलेंगे।
