बेटे और पाैत्री के साथ चिकित्सक को दिखाकर मंगलवार शाम को स्कूटर से घर जा रहे बिल्डिंग ठेकेदार 60 वर्षीय सुरेशचंद को तेज रफ्तार मेटाडोर ने ओवरटेक करते समय टक्कर मार दी। इससे तीनों सड़क पर गिर गए। ठेकेदार की मेटाडोर के पहिये के नीचे आने की वजह से माैत हो गई। बेटा और पाैत्री घायल हो गए। हादसे के बाद हाईवे पर जाम लग गया।

सिकंदरा के नगला महल निवासी सुरेश चंद्र को गले में गांठ की समस्या थी। बेटे किशन चंद ने बताया कि पिता का इलाज अंजना टाॅकीज के पास चिकित्सक से चल रहा था। वह मंगलवार दोपहर पिता को अपनी ई-स्कूटर से दवा दिलाने जा रहे थे। उसकी 6 वर्षीय बेटी मोनिका भी जिद करके साथ आ गई थी। शाम चार बजे के वह घर लौट रहे थे। तभी आईएसबीटी फ्लाईओवर से उतरते हुए पीछे से तेज गति में आई मेटाडोर ने उनकी स्कूटर में टक्कर मार दी। वह और बेटी छिटक कर दूसरी ओर गिर गए जबकि पीछे बैठे पिता सुरेश चंद्र मेटाडोर की ओर गिरे। मेटाडोर के पहिये के नीचे आने से पिता की मौके पर ही मौत हो गई। मेटाडोर ने एक पल्सर सवार को भी चपेट में ले लिया। वह भी दूर गिरा। हालांकि जान बच गई। उसकी बाइक मेटाडोर के पहिये में फंस गई। चालक वाहन को छोड़ कर भाग निकला।

 नंबर से चालक का पता कर रही पुलिस

थाना हरीपर्वत के प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि आईएसबीटी पुलिस चौकी और थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। क्रेन की मदद से डीसीएम और टूटी बाइक को हटाकर यातायात सुचारू किया गया। डीसीएम के नंबर के आधार पर भागे हुए चालक का पता किया जा रहा है। तहरीर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

पिता ने बेटे और पाैत्री को धक्का देकर बचा ली जान

मृतक के बेटे किशन चंद ने बताया कि वह तीन भाइयों में सबसे बड़े हैं। मंझला भाई पवन शिक्षक है। छोटा भाई हरिओम पिता के साथ ही ठेकेदारी पर बिल्डिंग बनाने का काम करता है। मां कृपा देवी गृहणी हैं।उनकी बेटी मोनिका यूकेजी की छात्रा है। वह दादा की दुलारी है। हादसे के दौरान पिता ने हम दोनों को बचाने के लिए धक्का देकर दूसरी ओर फेंकने का प्रयास किया। वह खुद डीसीएम की तरफ गिर गए। मासूम बेटी वह मंजर देख बेसुध हो गई है। रोते-रोते दादा को याद कर रही है। किशन ने बताया कि डॉक्टर ने पिता का चेकअप करने के बाद गांठ के बिल्कुल खत्म होने की जानकारी देते हुए दवा बंद कर दी थी। इस खुशी में पिता ने बेटी को उसकी पसंद की चीज खिलाने का वादा किया था। मालूम नहीं था कि ऐसा हो जाएगा।

राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-19) पर यातायात सुरक्षा गंभीर चिंता

वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने कहा कि एनएच-19 शहर से होकर गुजरता है, यातायात के अत्यधिक दबाव में है। 14 किलोमीटर लंबा उत्तरी बाईपास 4 दिसंबर से चालू हो चुका है। इससे भारी वाहनों को डायवर्ट किया जाए तो शहर के भीतर यातायात दबाव में कमी आएगी और एनएच-19 अधिक सुरक्षित बनेगा। सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सकेगा।

मेडिकल छात्रों की गई थी जान

जिस जगह पर ठेकेदार की जान गई, उससे 500 मीटर पहले खंदारी ओवरब्रिज से उतरते समय दो मेडिकल छात्र की जान गई थी। वह भी भगवान टॉकीज की तरफ से आ रहे थे। उनकी बाइक डिवाइडर से टकरा गई थी। हादसे में दोनों की जान चली गई थी। इस घटना के बाद साइनेज लगाने, डिवाइडर को सही करने का काम किया गया, लेकिन हादसों पर रोक नहीं लग पा रही है।

 



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