Story of young man from Kasganj working as an ISI agent

आरोपी शैलेश कुमार उर्फ शैलेंद्र सिंह चौहान
– फोटो : अमर उजाला

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राजधानी लखनऊ में एसटीएफ ने कासगंज निवासी शैलेंद्र सिंह चौहान को आईएसआई एजेंट के रूप में काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। वह मूल रूप से कासगंज जिले के पटियाली थाना क्षेत्र के  जिनौल गांव का रहने वाला है। उसके परिवार में उसके अलावा चार भाई, दो बहनें व विधवा मां हैं। पिता की कई वर्ष पहले मौत हो चुकी है।

आईएसआई को भारतीय सेना की खुफिया जानकारी देने वाला आरोपी शैलेंद्र सामान्य परिवार का है। उसकी आर्थिक स्थिति सामान्य है। वह कभी दिल्ली में नौकरी करता है तो कभी गांव में आकर रहने लगता है। कोई अच्छी नौकरी और अच्छी आय न होने के बावजूद वह ठाठ-बाट के साथ रहता है। उसके शौक अमीरों जैसे हैं। गांव में सभी भाइयों के बीच महज साढ़े तीन बीघा जमीन है। शैलेंद्र का गांव के लोगों से बहुत अच्छा व्यवहार नहीं है। वह अपना ज्यादातर समय मोबाइल में व्यतीत करता है।

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आईएसआई कनेक्शन के आरोप में पकड़े गए आरोपी शैलेंद्र के पांच भाई व दो बहने हैं। पांच भाइयों में वह चौथे नंबर का है। शैलेंद्र का बड़ा भाई दिव्यांग है, जो गांव जिनौल में कोटा डीलर है। उसका दूसरा भाई आकाश उर्फ आर्यन आर्मी में है। तीसरा भाई विनायक दिल्ली में निजी संस्थान में काम करता है। चौथा भाई कुश गांव में ही रहता है। 

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शैलेंद्र के पिता की 17 वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है। मां घर पर ही रहती हैं। जानकारी में आया है कि कोटा डीलर भाई ने अपनी दुकान गांव के ही एक व्यक्ति को चलाने के लिए किराए पर दे रखी है। मां व अन्य परिजन से शैलेंद्र के संबंध में जब बातचीत करनी चाहिए तो किसी ने कोई जानकारी नहीं दी। सभी ने यह कर पल्ला झाड़ लिया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

मां के साथ भी करता है अभद्रता

नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि शैलेंद्र बिगड़ैल किस्म का है। वह मंहगे कपड़े, मंहगा मोबाइल और ठाट-बाट के साथ रहना पसंद करता है। गांव में रहने के दौरान वह अपनी मां के साथ भी अभद्रता और मारपीट करता रहा है। पिछले कुछ समय से बाहर रह रहा है। 



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