अलीगढ़ के अतराैली में बरातियों पर हमला और दूल्हे के चचेरे भाई की माैत के मामले में पीड़ित परिवार मंगलवार को डीआईजी रेंज प्रभाकर चाैधरी और एसएसपी नीरज कुमार जादाैन से मिला। दोनों अधिकारियों ने पीड़ित परिवार को जांच का आश्वासन दिया। इसके साथ ही मुकदमे में हत्या और हत्या के प्रयास की धारा बढ़ाए जाने की जानकारी दी। इस पर परिजन वापस आ गए। उन्होंने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है।

सीता नगर, एत्माद्दाैला निवासी गिरवर सिंह के बेटे विनय की 14 नवंबर को अतराैली में हत्या कर दी गई थी। वह अपने चचेरे भाई ओमवीर सिंह के बेटे राहुल की बरात में गए थे। रात में बरातियों पर लड़की पक्ष ने हमला बोला था। लाठी-डंडों से पिटाई की थी। गिरवर सिंह ने आरोप लगाया था कि उन्होंने हमलावरों से बेटे विनय को बचाने का प्रयास किया, लेकिन वो उसे पीटते रहे। इस पर वो उसके ऊपर लेट गए थे। इस पर उन्हें भी पीटा गया। बेटे की पीट-पीटकर जान ले ली। इस घटना में के बाद पुलिस स्थानीय राजनैतिक दबाव में थी। इस कारण ही हत्या की धारा की जगह गैर इरादतन हत्या की धारा में प्राथमिकी दर्ज की गई। एक आरोपी पुष्पेंद्र को ही पकड़ा जा सका। बाकी आरोपी फरार हो गए थे। उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश तक नहीं दी जा रही थी। इस संबंध में अमर उजाला ने मंगलवार के अंक में प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी।

उधर, परिवार के लोग दोपहर में अलीगढ़ पहुंचे। दूल्हे के घायल भाई योगेंद्र सिंह को भी लेकर गए थे। डीआईजी रेंज प्रभाकर चाैधरी को बताया कि पुलिस ने हल्की धारा में केस दर्ज किया। इसके बाद कार्रवाई में भी लापरवाही की गई। यह तब हुआ जब घटना का वीडियो भी है। इस पर डीआईजी ने एसएसपी अलीगढ़ से बात की। इसके बाद परिजन को केस में हत्या की धारा की वृद्धि के बारे में बताया गया। जेल भेजे गए एक आरोपी का हत्या और हत्या के प्रयास की धारा में रिमांड भी बनवाया गया। पुलिस ने बताया 10 लोग नामजद हैं। बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।



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