नाबालिग से दुष्कर्म में उम्रकैद की सजा निलंबित होने की सूचना से पूर्व विधायक का खेमा खुश है। उन्हें उम्मीद है कि कुलदीप सेंगर जल्द रिहा हो सकता है। उधर, दुष्कर्म पीड़िता का कहना है कि पूर्व विधायक रिहा हुआ तो उसके लिए खतरा बढ़ जाएगा। कहा कि सेंगर रिहा हुआ तो इंडिया गेट पर धरना देंगी।

मालूम हो कि गांव की नाबालिग ने वर्ष 2017 में तत्कालीन विधायक कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पीड़िता और परिवार की सुनवाई हुई थी। अप्रैल 2018 को प्रदेश सरकार की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मंजूरी दी। सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज कर 13 अप्रैल 2018 की सेंगर को लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार किया था।

लंबी जांच और दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई के बाद 16 दिसंबर 2019 को कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई और न्यायालय ने कुलदीप को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी पाया। 20 दिसंबर 2019 को न्यायालय ने कुलदीप को उम्रकैद और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। इसके बाद उसकी विधानसभा से सदस्यता खत्म हो गई थी। बाद में कुलदीप और छोटे भाई अतुल को पीड़ित किशोरी के पिता की हत्या के मुकदमे में तीन मार्च 2020 को दस साल की सजा हुई थी।

छह साल से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कुलदीप की न्यायालय ने 15 लाख के निजी मुचलके पर कई शर्तों के साथ सजा को निलंबित कर दी है। हालांकि कुलदीप अभी जेल से बाहर नहीं आ सकेगा। उधर, सूचना मिलते ही परिवार और कुछ समर्थक मंगलवार की दोपहर ही दिल्ली पहुंच गए।

वहीं पीड़िता ने कुलदीप सेंगर की सजा निलंबित होने को खुद के लिए खतरा बताया है। फोन पर बताया कि न्यायालय ने सेंगर को तो राहत दे दी, लेकिन उसके (पीड़िता के) चाचा अभी भी जेल में हैं। आरोप लगाया कि कुलदीप के समर्थक अभी से धमकी देने लगे हैं इससे वह खुद के लिए खतरा महसूस कर रही हैं। बताया कि कुलदीप सेंगर बाहर आया तो वह इंडिया गेट पर धरना देंगी।

25 साल की राजनीति में अर्श फिर फर्श पर पहुंचा था कुलदीप

कुलदीप सेंगर का राजनीतिक सफर ग्राम पंचायत की राजनीति से शुरू हुआ था। वह एक बार गांव का प्रधान भी चुना गया। फिर सक्रिय राजनीति में कदम रखा और पीछे मुड़कर नहीं देखा। सभी दलों में अच्छी पकड़ और सियासत में माहिर सेंगर 2017 के विधानसभा चुनाव में लगातार चौथी बार जीत हासिल की थी। कुलदीप के पिता मुलायम सिंह मूल रूप से फतेहपुर जिले के हथगाम थाना के मुक्तीपुर गांव के निवासी थे। हालांकि मां शादी के बाद से ही पिता के घर में रहीं। चार भाइयों में कुलदीप सबसे बड़ा है। कुलदीप 1996 में पहली बार ग्राम प्रधान चुना गया। इसके बाद दो पंचवर्षीय में मां और फिर छोटे भाई अतुल सेंगर की पत्नी अर्चना सिंह ग्राम प्रधान चुनी गईं। हालांकि जेल जाने के बाद राजनीतिक जीवन खत्म होने के साथ ही गांव की प्रधानी भी छिन गई। वर्ष 2002 में कुलदीप ने बसपा से उन्नाव सदर सीट से पहला चुनाव जीता। 2007 में सपा के टिकट पर बांगरमऊ से, 2012 में सपा के टिकट पर ही भगवंतनगर से विधायक निर्वाचित हुए।

वर्ष 2016 में सपा में रहते हुए बगावत करके जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में सपा के घोषित प्रत्याशी के खिलाफ पत्नी संगीता सेंगर को मैदान में उतारा और सपा को हराकर पत्नी को चुनाव जितवाया। विधानसभा चुनाव से पहले जनवरी 2017 में कुलदीप भाजपा का दामन थामा और बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के रूप में लगातार चौथी बार विधायक बने।

कुलदीप सेंगर प्रकरण में प्रमुख बिंदुओं पर एक नजर

04 जून 2017 को किशोरी की मां ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पड़ोस की एक महिला के जरिए बहाने से घर बुलाकर कुलदीपऔर इसके बाद उसके गुर्गों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा पुलिस से शिकायत की। लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

11-जून 2017 को पीड़िता की मां ने न्यायालय की शरण तब माखी थाना पुलिस ने 156/3 के तहत मुकदमा दर्ज किया। लेकिन पुलिस ने कुलदीप और एक आरोपी महिला का नाम एफआईआर से निकाल दिया।

03 अप्रैल 2018 को पीडि़ता की मां ने कुलदीप व उनके छोटे भाई पर दिल्ली से पेशी के बाद गांव आए पीड़िता के पिता को पीटने का आरोप लगाते हुए शिकायत की।

03 अप्रैल 2018 की रात विधायक पक्ष के टिंकू सिंह की तहरीर पर माखी थाना पुलिस ने किशोरी के पिता पर आर्म्स एक्ट में रिपोर्ट दर्ज की और तमंचा बरामद कर गिरफ्तार कर लिया।

04 अप्रैल 2018 को पीडि़ता की मां की तहरीर पर पुलिस ने माखी गांव के ही विनीत, सोनू, बउवा और शैलू सहित अन्य लोगों के खिलाफ मारपीट की प्राथमिकी दर्ज की।इसमें पुलिस ने सेंगर के भाई का नाम हटाया तो मामले ने तूल पकड़ा।

8 अप्रैल 2018 पिता की सुबह झूठे मुकदमे में फंसाने और उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए किशोरी ने परिवार सहित लखनऊ में सीएम आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।

08 अप्रैल 2018 की रात जेल में बंद किशोरी के पिता हालत बिगड़ी, रात नौ बजे जेल अधिकारियों ने जिला अस्पताल भेजा। सुबह 3:49 बजे उसकी मौत हो गई।

09 अप्रैल 2018 को किशोरी के पिता की इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मौत होने की घटना सुर्खियों में आई तो सरकार ने कार्रवाई तेज की।

10 अप्रैल 2018 को प्रदेश सरकार ने एसआईटी गठित कर मामले की जांच कराई। जांच रिपोर्ट के बाद कुलदीप के भाई अतुल सहित पांच लोगों पर किशोरी के पिता की हत्या की रिपोर्ट दर्ज की।

11 अप्रैल 2018 अप्रैल को देर रात कुलदीप के छोटे भाई अतुल सिंह को हसनगंज थाना क्षेत्र से पुलिस ने गिरफ्तार किया। चार अन्य साथी भी गिरफ्तार हुए।

12 अप्रैल 2018 को ही रात में प्रदेश सरकार की संस्तुति पर केंद्र सरकार ने सीबीआई जांच की मंजूरी दी। भोर पहर 2:50 बजे कुलदीप और शशि सिंह के खिलाफ सीबीआई ने रिपोर्ट दर्ज की।

13 अप्रैल 2018 को भोर पहर सीबीआई ने कुलदीप सेंगर को लखनऊ स्थित आवास से गिरफ्तार किया।

14 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने विधायक कुलदीप सेंगर को विषेश पॉक्सो कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया।

15 अप्रैल 2018 को सीबीआई ने कुलदीप सेंगर को 14 दिन की रिमांड पर लेकर पूछताछ की और साक्ष्य जुटाए।

28 जुलाई 2019 को अपने वकील के साथ, रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने जा रही पीड़िता की कार में ट्रक ने टक्कर मार दी। हादसे में पीड़िता की चाची, मौसी की मौत हो गई और पीड़िता के वकील 29 नवंबर 2020 को मौत हो गई थी।

16 दिसंबर 2019 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई पूरी हुई। कुलदीप को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी पाया गया।

20 दिसंबर 2019 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को उम्र कैद और 25 लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

03 मार्च 2020 को कुलदीप सेंगर व उसके भाई अतुल सेंगर को किशोरी के चाचा की हत्या में दोषी पाया गया, दोनों को दस साल की सजा हुई।

मौसी बोलीं, कुलदीप को साजिशन फंसाया

कुलदीप सेंगर की मौसी सरोज सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे बेटे को न्यायालय ने राहत दी है इसके लिए न्यायालय और ईश्वर का आभार जताया है। बताया कि मेरे बेटे को साजिशन फंसाया गया था। वह इस तरह का गलत काम नहीं कर सकते जिसमें उन्हें सजा हुई। वह भी गांव की बेटी को वह बेटी की तरह मानते थे। मौसी का कहना है कि कुलदीप चार बार विधायक रहे हैं। राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में बड़ी साजिश रचकर उन्हें फंसाया गया। न्यायालय और ईश्वर पर पूरा विश्वास है।

पीड़िता की बहन बोलीं- विपक्षी दे रहे हैं धमकियां

पीड़िता की बहन ने आरोप लगाया कि कुलदीप सेंगर ने मेरे बड़े पापा को फिर पिता को मरवाया इसके बहन के साथ गलत काम किया। इसके बाद भतीजी (दुष्कर्म पीड़िता) के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने वाले चाचा को झूठे केस में फंसाकर जेल भिजवाया। बहन ने बताया कि अभी कुलदीप जेल से बाहर नहीं आए इससे पहले ही उनके लोग धमकियां देने लगे हैं अब खतरा मंडरा रहा है। पिता की हत्या में पहले से जमानत पर चल रहे लोग खुले आम धमका रहे हैं।



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