औषधि विभाग ने अंशिका फार्मा, विभोर मेडिकल एजेंसी और हर्षित ट्रेडर्स के संचालकों को रिमाइंडर भेजा है। इन पर नामी कंपनी के नाम की नकली दवा की बिक्री का आरोप है। औषधि विभाग ने बीते महीने छापे के बाद नोटिस देकर बिल तलब किए थे, लेकिन उपलब्ध नहीं कराए हैं। ऐसे में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि 7 नवंबर को दवा कंपनी टोरंट फार्मा से शिकायत मिली थी। इनका आरोप है कि मांसपेशियों की चोट में उपयोग होने वाली काइमोरल फोर्ट को नकली बनाकर बिक्री की जा रही है। इस पर टीम ने अंशिका फार्मा, विभोर मेडिकल एजेंसी और हर्षित ट्रेडर्स के यहां पर छापा मारा था। इनके यहां संबंधित दवा बरामद नहीं हुई, लेकिन इनके यहां इस दवा की बिक्री का रिकार्ड मिला था।
संचालकों से पूछताछ पर दवाएं गोरखपुर के गुप्ता मेडिकल स्टोर से खरीदने की जानकारी दी। गोरखपुर में औषधि विभाग की टीम जांच कर रही है। इन तीनों फर्म के संचालकों को नोटिस देकर दवाएं कहां से खरीदी और कहां बेचीं, इसके बारे में बिल मांगे थे। महीना भर होने को है, लेकिन इन तीनों ने इनका विवरण उपलब्ध नहीं कराया है। इस पर इनको रिमाइंडर दिया है। ये दवाओं की खरीद-बिक्री का रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराते हैं तो संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।