कानपुर में खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन की जांच में प्रदेश भर में 12 मेडिकल फर्मों का सीधा जुड़ाव नशीले सिरप की तस्करी कर रहे सिंडिकेट मेरठ के आसिम और वसीम से मिला है। इनमें बिरहाना रोड स्थित अग्रवाल ब्रदर्स फर्म का नाम भी शामिल है। हैरत भरी बात यह है कि ड्रग विभाग काफी पहले इस फर्म के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए तहरीर दे चुका है पर अभी तक बीएनएस की धाराओं में ही प्राथमिकी लिखी गई है। शहर में नौ मेडिकल स्टाेरों और फर्मों पर कोडीनयुक्त दवाएं बिकती मिली थीं।
इनमें से सिर्फ दो के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में प्राथमिकी दर्ज हुई थी। छह पर बीएनएस की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। एक फर्म के खिलाफ तहरीर ही नहीं दी गई है। नशीली दवाओं के कारोबार में अग्रवाल ब्रदर्स का पहली बार नाम जून में सामने आया था। जांच में लापरवाही के चलते नवंबर में तब मुकदमा दर्ज हो पाया था जब खुद आयुक्त डॉ. रोशन जैकब ने शहर आकर अग्रवाल ब्रदर्स के फर्म में छापा मारा था।
