औषधि विभाग को बंद पड़ी फर्म के सहारे कोडीन सिरप समेत नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं की तस्करी की आशंका है। इसके लिए विभाग बीते 10 वर्षों में निरस्त हुई फर्म की जानकारी जुटा रही है। नकली दवा मामले में भी पुडुचेरी में भी बंद फर्म से कालाबाजारी का खेल पकड़ा था। एसटीएफ ने भी जांच शुरू कर दी है।
लखनऊ में कोडीन कफ सिरप का अंतरराष्ट्रीय गैंग पकड़ में आने के बाद देशभर में इसकी जांच हो रही है। औषधि विभाग के साथ एसटीएफ भी जांच कर रही है। बीते शुक्रवार को लखनऊ की विशेष टीम के नेतृत्व में 7 जिलों के अधिकारियों ने 26 मेडिकल फर्म के स्टोर और गोदाम में छापा मारकर कोडीन सिरप और नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं की खरीद-बिक्री की जांच की।
इसमें कमला नगर की एलोसेफ फार्माकेयर के यहां राजस्थान में नकली पाया गया एंटी एलर्जिक इंजेक्शन मिला था। इसे श्रीराम फार्मा से खरीदा था। इसकी भी जांच चल रही है। 48 घंटे तक चली जांच में औषधि विभाग के अधिकारियों को बंद पड़ी फर्म और इनके नाम से किन्हीं दूसरे राज्यों से नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं की तस्करी की आशंका है। इस पर विभाग ऐसी फर्म की सूची बना रहा है, जो पूर्व में अवैध कारोबार के चलते उन पर कार्रवाई की है।
सहायक आयुक्त औषधि लखनऊ मुख्यालय अखिलेश कुमार जैन का कहना है कि बंद पड़ी फर्म से किसी दूसरे राज्य में कोडीन सिरप के कारोबार की आशंका पर सभी बिंदुओं पर जांच चल रही है। इस मामले में एसटीएफ भी अपने स्तर से जांच कर रही है। सहायक आयुक्त औषधि अतुल उपाध्याय ने बताया कि इन 26 फर्म को नोटिस दिए जा रहे हैं। इनसे बीते दो साल में नारकोटिक्स श्रेणी की दवाओं की खरीद-बिक्री के रिकाॅर्ड तलब किए हैं। बंद पड़ी संदिग्ध फर्म समेत अन्य की भी जांच की जा रही है।
जांच के नाम पर खानापूर्ति
जिला आगरा केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा का कहना है कि दवा माफिया को पकड़ने के लिए आगरा, लखनऊ समेत कई जगह से टीमें आईं। नकली और नारकोटिक्स श्रेणी की दवाएं पकड़ी जा रही हैं, लेकिन दवा माफिया पकड़ से दूर हैं। जांच के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। इससे आगरा का दवा व्यापार बदनाम हो रहा है, दवा व्यापार चौपट हो रहा है।
