सनातन एकता पदयात्रा के समापन के बाद रविवार को वृंदावन के विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन के दौरान मंदिर की व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गईं। उनके आगमन के साथ आई भारी भीड़ बेकाबू हो गई, जिसके चलते पुलिस और मंदिर के सेवायतों के बीच तीखी नोकझोंक और जमकर धक्का-मुक्की हुई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि हंगामे में कुछ सेवायतों के कपड़े तक फट गए। नाराज सेवायतों ने पुलिस पर अभद्रता करने और पीटने का गंभीर आरोप लगाया है।

 धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपनी पदयात्रा संपन्न होने के बाद बांके बिहारी के दर्शन के लिए पहुंचे। उनके आने की सूचना पर पहले से ही मंदिर परिसर में उनके समर्थकों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी। जैसे ही धीरेंद्र शास्त्री ने मंदिर के वीआईपी प्रवेश द्वार से अंदर प्रवेश किया, उनके साथ चल रहा हुजूम और सुरक्षाकर्मी भी अंदर घुसने का प्रयास करने लगे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गर्भगृह के पास पहले से मौजूद भीड़ और शास्त्री के साथ आई भीड़ का दबाव एक साथ बढ़ने से स्थिति अनियंत्रित हो गई। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया, लेकिन व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। इसी दौरान, मंदिर की आंतरिक व्यवस्था संभाल रहे सेवायतों ने जब भीड़ को गर्भगृह के और करीब आने से रोकने का प्रयास किया, तो उनकी पुलिसकर्मियों से बहस हो गई। देखते ही देखते यह बहस तीखी नोकझोंक और फिर धक्का-मुक्की में तब्दील हो गई।

इस झड़प से नाराज सेवायतों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक सेवायत ने अपना फटा हुआ कुर्ता दिखाते हुए कहा, “हम लोग केवल व्यवस्था बनाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने हमारे साथ ही अभद्रता शुरू कर दी। उन्होंने हमें पीटा और धक्का दिया, जिससे हमारे कपड़े फट गए।” सेवायतों ने कहा कि वीआईपी दर्शन के नाम पर मंदिर की मर्यादा भंग की जा रही है और पुलिस का व्यवहार अस्वीकार्य है।

इस पूरे हंगामे के बीच किसी तरह धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को बांके बिहारी के दर्शन कराए गए और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया। हालांकि, इस घटना ने एक बार फिर वीआईपी दर्शनों के दौरान होने वाली अव्यवस्था और भीड़ प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।



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