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चौदह वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के मामले में न्यायालय ने सौतेले पिता को 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जमानत की धनराशि से 40 हजार रुपये पीड़िता को देने होंगे। न्यायालय का फैसला आने के बाद दोषी को कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया गया है। ये घटना बछरायूं थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी।
थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने काशीराम कॉलोनी में रहने वाले मजदूर के साथ दूसरी शादी की थी। महिला के 14 वर्षीय बेटी समेत चार बच्चे थे। जबकि दूसरी शादी के बाद दो बच्चों को जन्म दिया। 18 अप्रैल 2019 की रात महिला अपनी रिश्तेदारी में गई हुई थी। तभी सौतेले पिता ने किशोरी के साथ दुष्कर्म किया।
चीख-पुकार सुनकर किशोरी के भाई-बहन जाग गए। उन्होंने शोर मचाया। तभी मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने कमरे की टूटी खिड़की से आरोपी की वीडियो बना ली। बाद में लोगों की भीड़ में आरोपी पिता को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। इस मामले में किशोरी के भाई की तहरीर पर सौतेले पिता के खिलाफ दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
बाद में पुलिस ने आरोपी सौतेले पिता को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था। जिसके बाद वह जमानत पर बाहर आ गया। इस मुकदमे की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश विशेष पॉक्सो एक्ट प्रथम डॉ. कपिला राघव की अदालत में चल रही थी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी पैरवी कर रहे थे।
बुधवार को न्यायालय ने मुकदमे में सुनवाई की और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पिता को दोषी करार दिया। साथ ही उसे कस्टडी में लेकर जेल भेज दिया गया। न्यायालय ने सजा के प्रश्न पर शुक्रवार को सुनवाई की और दोषी पिता को 20 साल की सजा सुनाई। साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
दो मिनट की वीडियो ने निभाई अहम भूमिका
विशेष लोक अभियोजक बसंत सिंह सैनी ने बताया कि घटना के बाद किशोरी अपने बयानों से पलट गई थी। उसने न्यायालय में भी अपने बयान दर्ज नहीं कराए थे। घटना के समय इकट्ठा हुए लोगों ने वीडियो बनाई थी। करीब दो मिनट की इस वीडियो में दोषी पिता किशोरी के साथ गंदी हरकत करता हुआ दिख रहा था।
विशेष लोक अभियोजक की मांग पर न्यायालय में न्यायाधीश ने वीडियो को बतौर साक्ष्य देखा। इसके बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया है।