राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रविवार को दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव कार्यक्रम के मंच पर मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों के बीच हुई गुफ्तगू और फिर भाषणों में सनातन व हिंदुत्व के जिक्र ने सनातनी चेतना के एजेंडे की भावी दिशा का संकेत दे दिया। भागवत से गुफ्तगू के बाद योगी ने घुसपैठ से लेकर धर्मांतरण पर तीखा निशाना साधा।

इन सबके पीछे छिपे चेहरों को न सिर्फ चेताया बल्कि ललकारा। इन मुद्दों पर सरकार की रीति-नीति में किसी नरमी की संभावनाओं को नकार दिया। उनके तेवर बताते हैं कि यह मुलाकात सनातनी चेतना के एजेंडे को रफ्तार देगी।

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सीएम ने घुसपैठियों को वापस उनके देश भेजने और प्रदेश के हर जिले में अस्थायी डिटेंशन सेंटर बनाने का भी एलान कर दिया। योगी ऐसे सभी एजेंडों पर अधिक मुखरता से बात रख रहे हैं और नरमी के मूड में नहीं दिख रहे हैं। ये वही मुद्दे हैं, जिन पर संघ भी सक्रियता से काम कर रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि संघ प्रमुख से सीएम योगी की यह मुलाकात आने वाले समय में इन्हीं एजेंडों को प्रमुखता से आगे बढ़ाएगी।

माना जा रहा है कि राममंदिर पर पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाले ध्वजारोहण से करीब 48 घंटे पहले राजधानी में संघ प्रमुख से सीएम की मुलाकात में इन एजेंडों पर चर्चा जरूर हुई है। गीता के ज्ञान के सहारे योगी ने साफ कर दिया कि उनकी सरकार सांस्कृतिक पुनर्जागरण के उस एजेंडे पर गंभीरता से काम करने का संकल्प ले चुकी है जिसका उल्लेख पीएम मोदी ने अयोध्या में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा में किया था। मोदी ने आज से करीब 22 माह पहले जो कुछ कहा था उसकी तैयारी का संकेत आज योगी के भाषण में दिखा।



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